Advertisement

हार्दिक पटेल : पाटीदार नेता या गुजराती डिकरा

साथ ही नारों का ये शोर भी उठता है, ‘देखो देखो, कौन आया, गुजरात का शेर आया.’ 24 वर्षीय हार्दिक की रैलियों में उन्हें सुनने के लिए पाटीदारों (पटेल) के अलावा दूसरे समुदाय के लोग भी पहुंचते हैं.

हार्दिक पटेल हार्दिक पटेल
अंकुर कुमार/खुशदीप सहगल/सुप्रिया भारद्वाज
  • भावनगर,
  • 07 दिसंबर 2017,
  • अपडेटेड 5:41 PM IST

‘अजीम-ओ-शान शहंशाह’...फिल्म ‘जोधा अकबर’ का ये मशहूर गाना गुजरात में इन दिनों खूब सुनने को मिल रहा है. पाटीदार अनामत आंदोलन समिति के युवा संयोजक हार्दिक पटेल की हर रैली में ये गाना बजाया जाता है. जैसे ही हार्दिक लोगों के बीच में से चलते हुए मंच पर जाते हैं, वैसे ही गाने की जोरदार बीट्स सबके कानों में गूंजने लगती हैं.

Advertisement

साथ ही नारों का ये शोर भी उठता है, ‘देखो देखो, कौन आया, गुजरात का शेर आया.’ 24 वर्षीय हार्दिक की रैलियों में उन्हें सुनने के लिए पाटीदारों (पटेल) के अलावा दूसरे समुदाय के लोग भी पहुंचते हैं. हार्दिक भी अपनी पाटीदार नेता की छवि को तोड़ते हुए सभी समुदाय के लोगों से एकजुट होकर लड़ने का वचन दिलवाते हैं. वो ये जताना नहीं भूलते कि अन्याय सभी के साथ हो रहा है. वो ये सवाल भी करते हैं कि विकास कैसे पागल हो सकता है, गुजरात में तो विकास जन्मा ही नहीं. 

भावनगर में हार्दिक की रैली में अलग ही नजारा दिखा. यहां भाई समुदाय के नुमाइंदों ने हार्दिक का पारंपरिक पगड़ी और हाथ में चमचमाती तलवार थमा कर स्वागत किया. रैली में हार्दिक ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह समेत बीजेपी नेताओं पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने साथ ही रैली में मौजूद लोगों को शपथ दिलाई कि उनका समुदाय या धर्म कुछ भी हो लेकिन वे सब एकजुट होकर गुजरात के विकास के लिए बीजेपी से लड़ेंगे.  

Advertisement

‘आज तक’ ने रैली में आए लोगों से जानना चाहा कि हार्दिक में आखिर ऐसा क्या है जिसने उन्हें इतना लोकप्रिय बना दिया है. यहां तक कि उनके लिए पाटीदार नेता की जगह अब गुजराती डिकरा (बेटा) शब्द का इस्तेमाल होने लगा. हार्दिक को सुनने आए वासुदेव सिंह गोहिल क्षत्रिय समाज से हैं. उनका कहना है, ‘हार्दिक को युवा नेता के तौर पर स्वीकार कर लिया गया है. अब सबको पता चल गया है कि हार्दिक का आंदोलन किसी समुदाय विशेष के लिए नहीं बल्कि सभी समुदायों के लिए है, वो सब के लिए लड़ रहा है.’

रैली में आए विजय प्रजापति कहते हैं, ‘हार्दिक सच बोलता है, इसलिए हर कोई उसे पसंद करता है. हार्दिक सिर्फ पाटीदारों का नहीं हम सब का नेता है.’  रैली में आए ब्राह्मण समुदाय के लोगों ने कहा कि हार्दिक सही मुद्दे उठा रहे हैं, ये हकीकत है कि नौकरियां जा रही हैं और नोटबंदी ने हालत खराब कर दी है. हार्दिक को सुनने जो लोग आ रहे हैं वो वोटों में तब्दील होंगे या नहीं, कहना मुश्किल हैं. लेकिन इतना तय है कि हार्दिक को कोई पसंद करे या नापसंद लेकिन उनकी अनदेखी नहीं की जा सकती.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement