Advertisement

कर्नाटक के लिए BJP की खास तैयारी, एक सीट पर होंगे 4-4 प्रभारी

कर्नाटक की सभी 224 विधानसभा सीटों के बूथ प्रबंधन के लिए बीजेपी ने रणनीति बनाई है. पार्टी ने प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र को चार हिस्सों में बांटकर इसके लिए अलग-अलग प्रभारी नियुक्त किए हैं. ये जिम्मेदारी ऐसे नेताओं को सौंपी गई है, जिन्हें जमीनी राजनीति की बेहतर समझ है.

बीजेपी का बूथ प्रबंधन बीजेपी का बूथ प्रबंधन
कुबूल अहमद
  • नई दिल्ली,
  • 30 अप्रैल 2018,
  • अपडेटेड 3:20 PM IST

कर्नाटक विधानसभा चुनाव को 2019 के लोकसभा चुनाव का सेमीफाइनल माना जा रहा है. यही वजह है कि राज्य की सियासी बाजी जीतने के लिए कांग्रेस और बीजेपी ने पूरी ताकत झोंक दी है. बीजेपी बीएस येदियुरप्पा के चेहरे को आगे करके सत्ता में वापसी की कोशिश में लगी है. पार्टी ने बूथ प्रबंधन के जरिए कर्नाटक का सियासी मैदान मारने की रणनीति बनाई है. पार्टी ने इसके लिए खास प्लान बनाया है.

Advertisement

बूथ मैनेजमेंट का प्लान

कर्नाटक की सभी 224 विधानसभा सीटों के बूथ प्रबंधन के लिए बीजेपी ने रणनीति बनाई है. पार्टी ने प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र को चार हिस्सों में बांटकर इसके लिए अलग-अलग प्रभारी नियुक्त किए हैं. ये जिम्मेदारी ऐसे नेताओं को सौंपी गई है, जिन्हें जमीनी राजनीति की बेहतर समझ है.

बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर बताया कि  राज्य की सभी सीटों का आकलन कर अलग-अलग सीटों को 2 से 4 हिस्सों में बांटा गया है. ज्यादातर विधानसभा सीटों को चार हिस्सों में बांटा गया है.

एक प्रभारी के पास करीब 50 बूथों की जिम्मेदारी

ये प्रभारी रोजाना बूथ कार्यकर्ताओं से पार्टी उम्मीदवार की रिपोर्ट हासिल कर रहे हैं. इतना ही नहीं ये प्रभारी उम्मीदवार के चुनावी कार्यक्रम से लेकर पार्टी के बड़े नेताओं की रैलियों में उन्हें पहुंचाने और फिर उसका फीडबैक लेने का भी काम कर रहे हैं. पार्टी की कोशिश अपने मतदाताओं को हर हाल में मतदान केंद्रों तक पहुंचाने की है.

Advertisement

ये प्रभारी प्रतिदिन पन्ना प्रमुख के संपर्क में हैं. 10 दिन पहले करीब 600 नेताओं को सीट के अलग-अलग हिस्सों की जिम्मेदारी सौंपी गई है. राज्य की कई सीटों पर बहुत कम अंतर से हार-जीत होगी इसलिए ऐसी सीटों पर जिस दल के कार्यकर्ता ज्यादा सक्रिय रहेंगे वो पार्टी फायदे की स्थिति में रहेगी.

बता दें कि कर्नाटक में कांग्रेस और बीजेपी के बीच कांटे का मुकाबला है. सर्वे के मुताबिक दोनों पार्टियों के बीच बहुत ज्यादा अंतर नहीं है. सीटों और वोट प्रतिशत में मामूली अंतर है. ऐसे में बीजेपी कोई कमी नहीं छोड़ना चाहती. इसी के मद्देनजर पार्टी ने बूथ प्रबंधन पर ज्यादा से ज्यादा जोर देने की रणनीति बनाई है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement