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यूपी चुनाव के दूसरे चरण की वोटिंग, इन दिग्गजों का करियर दांव पर

समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता आजम खान रामपुर सीट से उम्मीदवार हैं. 1980 में पहला चुनाव लड़ने वाले आजम खान सात बार रामपुर से जीत चुके हैं. आजम खान की गिनती जहां एक ओर सपा के सबसे बड़े मुस्लिम नेता के रूप में है, वहीं उनको सबसे विवादित नेता भी माना जाता है.

आजम खान, चेतन चौहान और जितिन प्रसाद आजम खान, चेतन चौहान और जितिन प्रसाद
लव रघुवंशी
  • नई दिल्ली,
  • 15 फरवरी 2017,
  • अपडेटेड 7:36 AM IST

उत्तर प्रदेश में आज दूसरे चरण की वोटिंग हो रहा है. इस चरण में 11 जिलों की 67 सीटों पर उम्मीदवारों का फैसला हो रहा है. दूसरे चरण में सहारनपुर, बिजनौर, मुरादाबाद, संभल, रामपुर, बरेली, अमरोहा, पीलीभीत, शाहजहांपुर, खीरी और बदायूं जिले हैं. इस चरण में कई दिग्गजों की भी किस्मत दांव पर है. इन दिग्गजों में आजम खां, जितिन प्रसाद, अब्दुल्ला आजम, नवाब काजिम अली, पूर्व क्रिकेटर चेतन चौहान, जावेद आब्दी और इमरान मसूद हैं.

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आजम खां
समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता आजम खान रामपुर सीट से उम्मीदवार हैं. 1980 में पहला चुनाव लड़ने वाले आजम खान सात बार रामपुर से जीत चुके हैं. आजम खान की गिनती जहां एक ओर सपा के सबसे बड़े मुस्लिम नेता के रूप में है, वहीं उनको सबसे विवादित नेता भी माना जाता है.

जितिन प्रसाद
कांग्रेस पार्टी के युवा नेता जितिन प्रसाद शाहजहांपुर जिले की तिलहर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. वह 2004 में शाहजहांपुर और 2009 में धौरहरा से लोकसभा चुनाव जीत चुके हैं. पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद के पिता जितेंद्र प्रसाद यूपी कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष रह चुके हैं. जितिन 2014 में धौरहरा सीट से लोकसभा चुनाव हार गए थे.

अब्दुल्ला आजम
स्वार-टांडा विधानसभा सीट से सपा-कांग्रेस गठबंधन ने कैबिनेट मंत्री आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम को मैदान में उतारा है. अब्दुल्ला चुनाव पहली बार लड़ रहे हैं और उनका मुकाबला बसपा के वर्तमान विधायक नावेद मियां से है.

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नवाब काजिम अली
रुहेलखंड का रामपुर जिला पहले से ही सुर्खियों में रहा है. यहां के नवाब खानदान का दबदबा सियासत में लगातार रहा है. फिलहाल खानदान के पास रामपुर स्वार की ही सीट है. नवाब खानदान की बेगम नूरबानो रामपुर सीट से सांसद भी रही हैं. नूरबानो के बेटे नवाब काजिम अली खान उर्फ नावेद मियां का 1996 से यहां कब्जा है. इस बार कांग्रेस ने स्वार की परंपरागत सीट मंत्री आजम खान के बेटे के लिए छोड़ दी.

चेतन चौहान
पूर्व क्रिकेटर चेतन चौहान अमरोहा जिले के नौगावां सादात विधानसभा सीट से बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं. चेतन चौहान निफ्ट के चेयरमैन भी रह चुके हैं. हालांकि, जावेद आब्दी सपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं, जो अखिलेश यादव के करीबी माने जाते हैं. चेतन चौहान 1991 में अमरोहा सीट से पहली बार बीजेपी से सांसद बने थे. 1996 में चुनाव हारने के बाद 1998 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने फिर वापसी करते हुए जीत दर्ज की, लेकिन 1999 और 2004 में वे फिर हार गए.

इमरान मसूद
2014 के लोकसभा चुनाव में पीएम मोदी के खिलाफ विवादित टिप्पणी करने वाले कांग्रेस के इमरान मसूद सहारनपुर जिले की नकुड़ विधानसभा सीट से मैदान में हैं. 2012 में इमरान मसूद दूसरे नंबर पर रहे थे. बसपा के डॉक्टर धर्म सिंह सैनी ने उन्हें ​करीब ​4500 वोटों से हराया था.

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रियाज अहमद
अखिलेश सरकार में मत्स्य विभाग के मंत्री रियाज अहमद पीलीभीत सीट से मैदान में हैं, वो यहां लगातार तीन बार से जीतते आए हैं, लेकिन उनके चौथी विधानसभा पहुंचने के आड़े बीएसपी के अरशद खान और बीजेपी के संजय सिंह गंगवार खड़े हैं. यहां मुकाबला त्रिकोणीय है.

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