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बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने अखिलेश यादव की रथ यात्रा पर कहा है कि उनकी रथ यात्रा असल में दिवालिया रथ यात्रा साबित हुई है, क्योंकि करोड़ों रुपए खर्च करके बनाया गया रथ शुरू होते ही खराब हो गया.
मायावती ने कहा कि रथ यात्रा के शुरू में ही हुड़दंग और मारपीट हुई और जंगलराज को सही साबित करते हुए कार्यकर्ता आपस में ही मारपीट करने लगे. बाद में रथ यात्रा में शामिल लोग रास्ते में लूटपाट करते गए और पुलिस मूकदर्शक बन कर देखती रही.
बहुजन समाज पार्टी ने आरोप लगाया कि अगर अखिलेश यादव की सरकार ने सचमुच लोगों के हित के काम किए होते तो उन्हें करोड़ों रुपये की लग्जरी गाड़ी में शान-शौकत के साथ रथ यात्रा निकालने की जरूरत ही नहीं पड़ती.
'समाजवादी पार्टी का दोहरा चेहरा दिखाता है'
अखिलेश यादव अपनी जनसभा में अक्सर मायावती की फिजूलखर्ची का जिक्र करते हैं और कहते हैं कि उनके बनाए हुए पत्थर के हाथी जनता की गाढ़ी कमाई की बर्बादी है. मायावती ने अब उसका जवाब देते हुए कहा है कि अपनी शान शौकत के लिए इटावा में लायन सफारी बनवाना और करोड़ों रुपए खर्च करके सैफई महोत्सव कराना क्या फिजूलखर्ची नहीं है? उन्होंने कहा कि यह समाजवादी पार्टी का दोहरा चेहरा दिखाता है.
मायावती ने कहा कि अखिलेश यादव की सरकार अपने कामकाज का ढिंढोरा पीट रही है, लेकिन सच्चाई यह है कि डेंगू से निपटने में भी सरकार नाकाम रही और इसके लिए बार-बार उसे हाईकोर्ट की फटकार झेल नहीं पड़ी. मायावती ने समाजवादी पार्टी पर बीजेपी से मिले होने का भी आरोप लगाया और कहा कि यही वजह है कि समाजवादी पार्टी के लोग बीजेपी के खिलाफ जमकर कुछ भी नहीं बोलते.