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बनारस में अब मोदी vs राहुल-अखिलेश, जानें किसकी क्या है रणनीति?

4 मार्च को वाराणसी में सियासी दिग्गजों का जमावड़ा रहेगा. एक ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस रोज तीन दिनों के प्रचार कार्यक्रम के लिए अपने संसदीय क्षेत्र पहुंचेंगे. दूसरी ओर, राहुल गांधी, अखिलेश यादव और डिंपल यादव साझा रोड शो करेंगे. इनके अलावा 4 मार्च को ही मायावती भी यहां जनसभा करेंगी.

वाराणसी में 4 मार्च को दिग्गजों के बीच सियासी जंग वाराणसी में 4 मार्च को दिग्गजों के बीच सियासी जंग
संदीप कुमार सिंह
  • वाराणसी,
  • 03 मार्च 2017,
  • अपडेटेड 12:37 PM IST

यूपी के विधानसभा चुनावों में अब बारी क्लाइमेक्स की जंग की है. बाकी बचे चरणों में पार्टियों के बीच पूर्वांचल के लिए टक्कर है और पीएम मोदी का गढ़ वाराणसी इस सियासी घमासान का रणक्षेत्र बनने जा रहा है.

दिग्गजों का रेला
4 मार्च को वाराणसी में सियासी दिग्गजों का जमावड़ा रहेगा. एक ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस रोज तीन दिनों के प्रचार कार्यक्रम के लिए अपने संसदीय क्षेत्र पहुंचेंगे. दूसरी ओर, राहुल गांधी, अखिलेश यादव और डिंपल यादव साझा रोड शो करेंगे. इनके अलावा 4 मार्च को ही मायावती भी यहां जनसभा करेंगी.

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मोदी का शेड्यूल
प्रधानमंत्री 4 मार्च की शाम को बाबतपुर एयरपोर्ट पहुंचने के बाद जौनपुर में चुनावी रैली को संबोधित करेंगे. उसके बाद वो बीएचयू पहुंचेंगे और काशी विश्वनाथ के दर्शन करेंगे. यहां से उनका काल भैरव मंदिर जाने का कार्यक्रम है. इसके बाद पीएम काशी विद्यापीठ में चुनावी सभा को संबोधित करेंगे.

गठबंधन की रणनीति
दूसरी ओर, राहुल गांधी और अखिलेश यादव का रोड शो दोपहर करीब 1 बजे शुरू होगा. करीब 9 किलोमीटर के सफर में दोनों नेताओं के साथ डिंपल यादव भी होंगी. रोड शो अंबेडकर पार्क से शुरू होकर शहीद उधम सिंह प्रतिमा स्थल पर खत्म होगा. रोड शो से पहले मुख्यमंत्री भदोही में 2 चुनावी रैलियों को संबोधित करेंगे. राहुल गांधी वाराणसी में ही दो चुनावी सभाएं करेंगे.

बीजेपी की चिंता
प्रधानमंत्री 4 मार्च से लेकर 6 मार्च तक अपने संसदीय क्षेत्र में ही प्रचार करेंगे. इस दौरान वो 3 रैलियां करेंगे. पहले वो यहां महज 1 जनसभा को संबोधित करने वाले थे. खबरों के मुताबिक बीजेपी के रणनीतिकार इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि पूर्वांचल में बीजेपी की स्थिति कोई खास मजबूत नहीं है. लिहाजा प्रचार के लिए खुद मोदी को उतारा जा रहा है. उनके अलावा पार्टी के कई दूसरे दिग्गज नेता भी पूर्वांचल में प्रचार के मैदान में उतरे हैं. पार्टी सूत्रों के मुताबिक बीजेपी पूर्वांचल का पूरा प्रचार काशी से संभाल रही है.

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लेकिन इस बार 2014 चुनाव की तरह ना तो मोदी की लहर है और ना ही राज्य सरकार के खिलाफ एंटी-इंन्कंबेंसी फैक्टर. पार्टी की चिंता इस बात से भी बढ़ी है कि अगर 2012 के विधानसभा चुनाव के हिसाब से समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के वोट जोड़ दिये जाएं तो बनारस की पांचों सीटों पर बीजेपी के लिए जीत की राह कठिन हो जाती है. वाराणसी में आठ मार्च को चुनाव है और छह मार्च को चुनाव प्रचार बंद हो जाएगा.

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