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बादलपुर का 'मायावती पोलिंग बूथ'

दादरी विधानसभा में पड़ने वाले इस गांव में घुसते ही आपको एहसास हो जाएगा कि यहां कुछ अलग है. इस अलग को देखने और समझने में भी आपको ज्यादा देर नहीं लगेगी. क्योंकि गांव में घुसते ही आपको पक्की सड़क मिलेगी, लगेगा भी कि ये कोई पांच छह साल पहले बनी होगी.

 मायावती का बचपन बादलपुर में ही बीता मायावती का बचपन बादलपुर में ही बीता
कपिल शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 12 फरवरी 2017,
  • अपडेटेड 4:12 AM IST

यूपी में पहले चरण की वोटिंग हुई, तो एक खास पोलिंग बूथ चर्चा में रहा. बीएसपी सुप्रीमो मायावती बादलपुर की बेटी हैं और इसीलिए बादलपुर गांव में बेटी के लिए प्यार, दुलार और उम्मीदों के साथ वोटिंग हुई. ग्रेटर नोएडा के पास बसे इस गांव में वोटिंग को लेकर बेहद उत्साह रहा और सुबह से ही वोटरों की लंबी लाइन गांव के एकमात्र पोलिंग स्टेशन पर लग गई.

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दादरी विधानसभा में पड़ने वाले इस गांव में घुसते ही आपको एहसास हो जाएगा कि यहां कुछ अलग है. इस अलग को देखने और समझने में भी आपको ज्यादा देर नहीं लगेगी. क्योंकि गांव में घुसते ही आपको पक्की सड़क मिलेगी, लगेगा भी कि ये कोई पांच छह साल पहले बनी होगी. गांव के बीचों-बीच से गुजरने वाले नाले पर लोहे की रैलिंग नजर आएगी, जो आपको दिल्ली जैसे बड़े शहरों शहरों से लेकर नोएडा के पॉश इलाकों में भी नहीं लगी होती.

गांव में स्कूल-कालेजों की शानदार इमारतों लिखे कालेज-स्कूल के नाम को पढ़कर शक की कोई गुंजाइश नहीं बचती कि ये सभी मायावती के राज में ही बनी होंगीं. प्राइमरी स्कूल से लेकर इंटर कॉलेज और स्नातकोत्तर महाविद्यालय के नाम की शुरुआत में कुमारी मायावती लिखा हुआ है.

दिलचस्प बात ये है कि बादलुपर गांव में जिस पोलिंग बूथ में वोटिंग की जा रही थी, उसका नाम भी कु. मायावती शासकीय कन्या इंटर कॉलेज था. गांव के लोग भी मानते हैं कि गांव में मायावती ने काम तो बहुत कराया है. स्कूल, कालेज, सड़कें, स्ट्रीट लाइट भी लगवाईं हैं. मायावती जिस चीज के लिए जानी जाती हैं, उस तरह के लंबे चौड़े पार्क भी गांव में मौजूद हैं. यहां तक कि गांव के बाहर हेलीपेड तक बना हुआ है.

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बादलुपर के वोटर बड़ी संख्या में वोट डालने के लिए निकले और उत्साह भी दिखाया. पूछने पर बताया कि विकास मुद्दा रहेगा, लेकिन मायावती के नाम इस गांव से जुड़ा है , तो इसका असर भी दिखा. गांव के बुजुर्ग और रिश्ते में मायावती के चाचा मिठ्ठन बताते है कि मायावती का शुरुआती बचपन यहीं गुजरा है और गांव के लोगों में उनके प्रति लगाव भी है. इसलिए लोग उन्हें फिर से सीएम बनते देखना चाहते हैं.

हालांकि कुछ लोग इस बात से नाराज दिखे कि मायावती ने रोजगार के नजरिए से गांव के युवाओं के लिए कुछ नहीं किया. इसी बात को लेकर बीजेपी और कांग्रेस उम्मीदवार भी मायावती के गढ़ में घुसपैठ की कोशिश में हैं और इस बात को लेकर बादलपुर में वोटिंग के दौरान हल्की तनातनी भी नजर आई.

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