बॉलीवुड और टीवी जगत की मशहूर अभिनेत्री रहीं सुरेखा सीकरी का निधन हो गया है. सुरेखा 75 साल की थीं और मुंबई में रहती थीं. 16 जुलाई को सुरेखा सीकरी ने कार्डियक अरेस्ट के चलते दम तोड़ दिया. वह हिंदी सिनेमा के बेमिसाल कलाकारों में से एक थीं. बता रहे हैं उनके निजी जीवन के बारे में कुछ अनजान बातें.
सुरेखा सीकरी का जन्म 19 अप्रैल 1945 को हुआ था. वह उत्तर प्रदेश से थीं. उन्होंने अपना ज्यादातर बचपन अल्मोड़ा और नैनीताल में बिताया था. अपने करियर की शुरुआत में उन्होंने GEC, अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की. 1968 में उन्होंने नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा से ग्रेजुएशन पूरा किया था.
सुरेखा ने मुंबई आने से पहले NSD Repertory Company में लगभग एक दशक तक काम किया था. सुरेखा के पिता एयर फाॅर्स में थे. उनकी मां टीचर थीं. उन्होंने हेमंत रेगे नाम के शख्स से शादी की थी. हेमंत संग उनका एक बेटा है, जिसका नाम राहुल सीकरी है.
सुरेखा सीकरी बेटे राहुल के साथ मुंबई में रहती थीं. राहुल मुंबई में एक आर्टिस्ट के तौर पर काम करते हैं. सुरेखा सीकरी के पति का निधन 20 अक्टूबर 2009 को हार्ट फेलियर के चलते हो गया था.
बहुत कम लोग जानते हैं कि बॉलीवुड के मशहूर एक्टर नसीरुद्दीन शाह, सुरेखा सीकरी के रिश्तेदार रहे हैं. असल में नसीरूद्दीन की पहली पत्नी सुरेखा सीकरी की सौतेली बहन थीं, जिनका नाम मनारा सीकरी था. उन्हें परवीन मुराद के नाम से भी जाना जाता है.
नसीरुद्दीन और मनारा की बेटी हीबा शाह, सुरेखा की भांजी हैं. सुरेखा के पॉपुलर सीरियल बालिका वधू में हीबा ने दादी सा के यंग अवतार को निभाया था.
सीरियल बालिका वधू में अपने बेहतरीन काम के लिए सुरेखा सिकरी को ITA अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था. 2008 में उन्हें बेस्ट एक्ट्रेस इन निगेटिव रोल का अवॉर्ड दिया गया था. 2011 में उन्हें इसी शो के बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस का अवॉर्ड मिला था.
बॉलीवुड में आने से पहले सुरेखा सीकरी ने थिएटर में सालों तक अभिनय किया था. वह बेहतरीन कलाकारों में से एक थीं. साल 1989 में हिंदी थिएटर में अपने योगदान के लिए उन्हें संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से नवाजा गया था.
साल 1978 में सुरेखा सीकरी ने पोलिटिकल ड्रामा फिल्म किस्सा कुर्सी का से फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखा था. इसके बाद उन्होंने हिंदी के साथ-साथ मलयालम फिल्मों में भी काम किया. साथ ही वह टीवी सीरियलों में भी नजर आईं.
अपने काम के लिए सुरेखा ने बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस केटेगरी में तीन नेशनल अवॉर्ड्स जीते थे. उन्होंने फिल्म तामस के लिए साल 1988 में नेशनल अवॉर्ड मिला. इसके बाद 1995 में मम्मो के लिए दोबारा नेशनल अवॉर्ड मिला. फिर फिल्म बधाई हो के लिए साल 2019 में एक बार फिर वह नेशनल अवॉर्ड विजेता बनीं.
सुरेखा सीकरी का यूं जाना हिंदी सिनेमा का बहुत बड़ा नुकसान है.
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