अफगानिस्तान में तालिबान ने अपना कब्जा कर लिया है. तालिबान की सत्ता आने से अफगानी लोग सहमे हुए हैं. कुछ लोग डर कर अपने घरों में बंद हो गए हैं तो कुछ लोग अपने ही देश को छोड़ने पर मजबूर हैं. तालिबान के अफगानिस्तान पर कब्जा करने से पूरी दुनिया में दहशत का माहौल है. लेकिन पाकिस्तान में अभी भी कई लोग ऐसे हैं, जो तालिबान की इस हरकत की तारीफ कर रहे हैं.
पाकिस्तान की जानी-मानी आर.जे, वीजे और एक्ट्रेस अनुशे अशरफ ने ऐसे लोगों को लताड़ते हुए अफगानिस्तान के लोगों के सपोर्ट में आवाज उठाई है. अफगानिस्तान क्राइसिस पर अनुशे ने अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर एक बड़ा सा खास नोट लिखा है.
अनुशे अशरफ ने अपने पोस्ट में अफगानिस्तान में ली गई अपनी कुछ थ्रोबैक तस्वीरें शेयर की हैं. अनुशे की ये सभी तस्वीरें साल 2016 की हैं, जब वो एक टीवी शो के लिए अफगानिस्तान गई थीं.
फोटो के साथ अनुशे ने एक लंबा नोट लिखा है. उन्होंने लिखा, "इस ट्रिप पर मैं उन लड़कियों से मिली थी, जो ओलंपिक के लिए साइकिल चलाना चाहती थीं. ऐसे लड़के जो मेस्सी (फेमस फुटब़ॉलर) की तरह बनना चाहते थे. मैं मस्जिदों में इमामों से मिली थी, जिन्होंने मुझे प्यार, सम्मान और बहुत दुआएं दी थीं."
अनुशे ने लिखा, "मैं शानदार टीवी होस्ट्स से मिली थी, जो तनावपूर्ण कंडीशन में रह रहे थे, लेकिन फिर भी नए गेम शो के बारे में काफी एक्साइडेट थे जिसे वो उस वक्त लॉन्च करने वाले थे. मैं लेखकों और कवियों मिली. मैं हजारा के बच्चों से मिली, जो कई दुखों के बाद भी अंदर से बेहद सुंदर थे."
अनुशे ने आगे लिखा, "वे बिल्कुल आपकी और मेरी तरह थे और आज वो हेल्पलेस, बेघर और अकेले पड़ गए हैं." अनुशे ने अपने पोस्ट में साफ किया कि यह सरकार (भ्रष्ट गनी) या अमेरिकियों को मेरा हीरो नहीं बनाती है. लेकिन क्या तालिबान कुछ अच्छा कर रहा है? तो बंद करो अपनी नफरत. इस समय, जो कोई भी देश का नेतृत्व करता है, वह अभी भी संकट में है और लोगों की जिंदगी एक बार फिर से डिस्टर्ब हो गई है. "
अनुशे ने अपने पोस्ट में ये मुद्दा भी उठाया और लोगों को एहसास दिलाया कि कोई भी अपना घर छोड़कर रिफ्यूजी बनकर नहीं रहना चाहता है. "रिफ्यूजी के लिए लोगों का मानना है कि ये लोग अपनी मर्जी और खुशी से हजारों मील दूर रहने के लिए अपना घर और संपत्ति छोड़ देते हैं. लेकिन वहां उन्हें ना इज्जत मिलती है और सोने के लिए सुकून की जगह."
अनुशे ने अफगानिस्तान के लोगों संग शेयर की अपनी तस्वीरों को गौर से देखने की अपील की. उन्होंने लिखा, "मैंने उनमें से कई लोगों की तस्वीरें ली हुई हैं. वो इंसान हैं उनके भी सपने हैं. प्लीज अपने आप से पूछें कि आपमें इतनी नफरत क्यों हैं कि लोगों को सांस लेने के लिए जगह देने के बजाय आप उन्हें गाली देते हैं. उन्हें ‘yeh liberals’ कहते हैं. अंदर से एक सच्चे मुसलमान बनोगे तो तुम इस दुनिया में कभी किसी के लिए नफरत नहीं पालोगे. "
अनुशे ने अपनी पोस्ट में आगे लिखा, "बेशक, सत्ता में बैठे लोग कहते हैं कि वे शांति चाहते हैं, लेकिन शांति केवल उनकी शर्तों पर ही आती है."
उन्होंने आगे कहा, "शांति का मतलब है कि लड़कियां काम नहीं कर सकती और लड़के खेल नहीं सकते. खुद को सरेंडर कर देने का मतलब शांति है. एक भी जिंदगी और उनके सपनों पर ध्यान नहीं दिया जाता. अगर आपको लगता है कि यह 'अच्छा' है तो मैं आपको याद दिला दूं कि यह मासूम लोग स्वतंत्र होने का अधिकार खो रहे हैं वो भी इन नेताओं (तालिबान या नहीं) को अपने एजेंडे, राजनीति, सत्ता और लालच के लिए. "
अनुशे ने आगे लिखा, "तालिबान का कहना है कि वे विकसित होने के लिए महिलाओं और बच्चों को उनके अधिकार देने के लिए तैयार है. लेकिन अभी उन्हें हीरो न बनाएं. उन्होंने कहा है कि उन्होंने अतीत से सीखा है. ये केवल समय ही बताएगा. उन्होंने अपने अफगानी दोस्तों के लिए लिखा, "आप सभी के लिए मैं दुआ करूंगी."
फोटो क्रेडिट-@anousheyashraf