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जब बॉलीवुड में शानदार डायलॉग बोलने वाले स्टार का जिक्र होगा, तो उसमें एक्टर राजकुमार का नाम सबसे ऊपर होगा. अपने यूनिक डायलॉग बोलने के अंदाज के कारण उन्हें हमेशा याद किया जाता है. राजकुमार का निधन 3 जुलाई 1996 को हुआ था. अाज भी लोग उनकी स्टाइल कॉपी करने की कोशिश करते हैं.
8 अक्टूबर, 1926 को बलूचिसतान में जन्मे राज कुमार का असली नाम कुलभूषण पंडित था. राजकुमार 1940 में मुंबई आए और मुंबई पुलिस में सब इंस्पेक्टर के रूप में काम करने लगे. 1952 की फिल्म रंगीली से राज कुमार ने अपने करियर की शुरुआत की. 1957 में आई फिल्म मदर इंडिया में उन्होंने एक महत्वपूर्ण रोल निभाया. इसके बाद 1958 की फिल्म 'दुल्हन', 1959 की फिल्म 'पैगाम' के बाद 60 के दशक में फिल्म 'दिल अपना और प्रीत पराई', 'दिल एक मंदिर', 'वक्त', 'हमराज', 'नीलकमल' और 'पाकीजा' जैसी सुपरहिट फिल्मों में काम किया.
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राज कुमार को फिल्म ''दिल एक मंदिर'' और ''वक्त'' के लिए श्रेष्ठ अभिनेता के फिल्मफेयर अवॉर्ड से सम्मानित किया गया. निजी जीवन की बात करें तो उन्होंने एंग्लो इंडियन महिला जेनिफर से शादी की. इससे उनको दो बच्चे हुए. उनका नाम पुरु राज कुमार और वास्तविकता पंडित रखा गया. दोनों ने भी फिल्मों में अपना हाथ आजमाया पर करियर सफल नहीं रहा.
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3 जुलाई, 1996 को 69 साल की उम्र में गले के कैंसर के चलते राजकुमार का निधन हो गया. राज कुमार को आज भी बॉलीवुड के सबसे बड़े सुपरस्टार में गिना जाता है.