
फादर्स डे पर हर कोई अपने पिता के प्रति आभार जता रहा है. लोग सोशल मीडिया के जरिए अपने पिता को फादर्स डे विश कर रहे हैं. यूं तो अमिताभ बच्चन अपने पिता की लिखी कविताएं या उनके साथ तस्वीरें साझा करते रहते हैं, पर फादर्स डे की बात कुछ और है. आज के दिन अमिताभ ने पिता हरिवंश राय बच्चन के नाम अपनी एक शानदार कविता पेश की है.
अमिताभ ने अपनी और पिता की एक फोटो साझा की है, जो मिलती-जुलती है. दरअसल, यह हरिवंश राय बच्चन के बुढ़ापे की फोटो है और इसी से मेल खाता अमिताभ ने अपनी भी एक फोटो साझा की है. एक्टर ने पिता को समर्पित करते हुए एक खास कविता भी लिखी है- 'तस्वीरें उनकी धुंधली पड़ जाती हैं, यादें, सूरतें वैसी ही रह जाती हैं, पिता के स्वर्गवास पे जब शोक ग्रस्त बैठे थे हम, मित्र ने हाथ रखके कहा, क्यूं ऐसे होते हो तुम भाग्यशाली हो, बिताए हैं 61 वर्ष तुमने उनके साथ, मैंने तो जाना ही नहीं 18 वर्षों के बाद पिता का हाथ'. उनके इस पोस्ट पर फैंस ने भी अमिताभ और हरिवंश राय बच्चन को फादर्स डे की शुभकामनाएं दी हैं.
हाल ही में बिग बी ने अपने पिता को याद करते हुए उनकी लिखी कुछ पंक्तियां अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर शेयर की थीं. अमिताभ ने लिखा, "मन का हो तो अच्छा, मन का ना हो तो ज्यादा अच्छा" बाबूजी ने जब मुझे मेरे जीवन के एक विचलित मोड़ पर ये सिखाया, तो समझ में नहीं आया. जो मन का ना हो वो ज्यादा अच्छा कैसे हो सकता है. फिर जब उन्होंने समझाया तो समझ गया. "अगर तुम्हारे मन का नहीं हो रहा है, तो वो ईश्वर के मन का हो रहा है, और ईश्वर हमेशा, तुम्हारा अच्छा ही चाहेगा, इसलिए ज्यादा अच्छा!"
अमिताभ बच्चन को याद आई पिता की सिखाई बात, कहा- मन का न हो तो ज्यादा अच्छा
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हरिवंश राय बच्चन की इस रचना को आज भी लोग करते हैं पसंद
जहां अमिताभ मनोरंजन जगत के नामचीन हस्ती हैं वहीं हरिवंश राय बच्चन जाने माने कवि और लेखक थे. उनके नाम का डंका आज भी हर जगह है. अपने पिता से अमिताभ की अच्छी दोस्ती थी. वे उनके मेंटर भी थे और दोस्त भी रहे. कई बार हम अमिताभ के पोस्ट्स में हरिवंश राय बच्चन की झलक देख सकते हैं. उनकी दी हुई मशहूर कृति 'मधुशाला' आज भी लोगों की पसंदीदा है.