
आशुतोष गोवारिकर की फिल्म पानीपत रिलीज हो चुकी है. फिल्म की कहानी दर्शकों को खूब पसंद भी आ रही है. बॉक्स ऑफिस पर पानीपत अच्छी कमाई कर रही है. अर्जुन कपूर और कृति सेनन स्टारर फिल्म की कहानी ऐतिहासिक घटना पर आधारित है इसलिए फिल्म के साथ विवाद भी जुड़ गया है.
राजस्थान में फिल्म को लेकर प्रदर्शन भी जारी है. फिल्म में महाराजा सूरजमल को लालची शासक बताने का विरोध हो रहा है. इसके अलावा फिल्म में सूरजमल का ब्रज के अलावा अन्य भाषा बोलने का भी विरोध हो रहा है. इस विवाद पर इतिहासकार महेंद्र सिंह सिकरवार ने कहा, 'पानीपत फिल्म में महाराजा सूरजमल के किरदार को तोड़ मरोड़कर पेश किया गया है जो गलत है, जबकि इस किरदार को इतिहास के अनुसार दर्शाया जाना चाहिए था'.
राजस्थान में क्यों हो रहा है फिल्म का विरोध?
भरतपुर के पूर्व महाराजा और राजस्थान सरकार के पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने पानीपत फिल्म में जाट महाराज सूरजमल के चरित्र को लेकर अपना विरोध दर्ज कराया है. इस मामले में राजस्थान के जाट समुदाय ने आंदोलन की भी धमकी दी है. राजस्थान के बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने भी फिल्म में महाराजा सूरजमल के दिखाए गए किरदार का विरोध करते हुए उसे ठीक करने की मांग की है.
भरतपुर के पूर्व महाराजा और पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने प्रेस रिलीज जारी कर कहा कि ऐतिहासिक तथ्यों से छेड़छाड़ करते हुए भरतपुर के महाराजा सूरजमल जाट जैसे महान पुरूष का चित्रण 'पानीपत' फिल्म में बेहद गलत तरीके से किया गया है. उन्होंने कहा, 'मैं महाराजा सूरजमल जाट की 14वीं पीढ़ी से हूं. वास्तविकता यह है कि पेशवा और मराठा जब पानीपत युद्ध हारकर लौट रहे थे तो महाराजा सूरजमल और महारानी किशोरी ने 6 माह तक संपूर्ण मराठा सेना और पेशवाओं को अपने यहां पनाह दी थी. मेरा सरकार से निवेदन है कि एक कमेटी बना दी जाए कि यदि किसी वंश या महान व्यक्ति पर अगर कोई फिल्म बनाई जाती है तो ऐसी मूवी को रिलीज करने से पहले उसके परिवारजनों और समाज से अनुमति ली जाए'.
राजस्थान में भरतपुर के पूर्व महाराजा सूरजमल की वीरता और पराक्रम को लेकर कहानियां कही जाती हैं. राजनीतिक पार्टियां जाट वोटों के लिए उनके नाम का खूब इस्तेमाल भी करती हैं. ऐसे में सूरजमल के चरित्र को जिस तरह से फिल्म में दर्शाया गया है उसे लेकर विरोध शुरू हो गया है.