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आयुष्मान को पसंद हैं टैबू सब्जेक्ट वाली फिल्में, बताए उनके फायदे

सफाईगीरी अवॉर्ड के चौथे संस्करण में पहुंचे बॉलीवुड के एक्टर आयुष्मान खुराना संग राध‍िका आप्टे ने श‍िरकत की.

आयुष्मान खुराना आयुष्मान खुराना
ऋचा मिश्रा
  • नई दिल्ली,
  • 02 अक्टूबर 2018,
  • अपडेटेड 3:21 PM IST

आयुष्मान खुराना का मानना है कि उन्हें टैबू सब्जेक्ट की फिल्में आकर्षित करती हैं. 2012 में आई अपनी फिल्म विक्की डोनर का जिक्र करते हुए उन्होंने अपनी फिल्म को कई मायनों में मील का पत्थर करार दिया. नई दिल्ली में इंडिया टुडे के सफाईगीरी समिट और अवॉर्ड्स में आयुष्मान ने तमाम मुद्दों पर अपनी बेबाक राय रखी.

एक सवाल के जवाब में सफाईगीरी के मंच से आयुष्मान ने कहा, "देखिए ऐसा है 2012 में जब मैंने फिल्मों की शुरुआत की थी तब विक्की डोनर मेरे हिसाब से एक केस स्टडी थी. लोग असमंजश में थे कि ये फिल्म देखी जाए या न देखी जाए." आयुष्मान ने कहा, "ऐसा सब्जेक्ट जिस पर लोग ड्राइंग रूप में बात तक नहीं कर रहे थे. केसस्टडी इसलिए भी थी कि छोटे बजट की फिल्मों ने इसके बाद बढ़िया काम किया. मैं सोचता हूं कि आगे जाकर दम लगा के हइशा के साथ वही हुआ. ये फिल्म बॉडी शेमिंग पर थी. फिर शुभ मंगल सावधान आई." आयुष्मान से ये सवाल सत्र मॉडरेट कर रही अंजना ओम कश्यप ने किया था.

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आयुष्मान ने कहा, "इसके बाद शुभ मंगल सावधान आई जो विक्की डोनर से बिल्कुल अलग थी. जहां पर लोग रनिंग जोक भी शुरू कर दिए. विक्की डोनर से ये कहां तक पहुंच गया. टैबू सब्जेक्ट मुझे ज्यादा आकर्षित करते हैं. मुझे अच्छा लगता है इन पर बात करना. पहले फिल्में नहीं बनी है. लोगों को देखकर अच्छा लगता है. ऐसी फिल्मों के ट्रेलर ही बज क्रिएट कर देती हैं. मुझे ऐसी फिल्में पसंद है."

आयुष्मान का ये जवाब अंजना के उस सवाल पर था जिसमें उन्होंने पूछा था, आपकी फिल्म अंधाधुन आ रही है उसमें भी आपका किरदार ऐसा ही है कुछ कुछ टैबू तोड़ने वाला. फिल्मों में आपके करियर की बात करें तो क्या चल रहा है? 'दम लगा के हइशा' चल रहा है या 'शुभ मंगल सावधान' हो रहा है. या फिर 'बरेली की बर्फी' खाए जा रहे हैं.

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अपनी आने वाली फिल्म "अंधाधुन" को लेकर आयुष्मान ने कहा, "कोई टैबू ब्रेक नहीं किया जा रहा है (अंधाधुन में). बस जो चीजें हम देखकर नजरअंदाज कर रहे हैं उसके बारे में बात की गई है."

एक सवाल के जवाब में राधिका आप्टे ने कहा, "हम जानबूझकर टैबू ब्रेकर सब्जेक्ट वाली फिल्में नहीं करते. मैं जो आस पास देखती हूं, उन्हें करती हूं. हमारे जैसे किरदार आपके आस पास आपकी फैमिली में हों शायद. शायद आप भी हों. ऐसा सोच कर नहीं किया कभी." राधिका ने कहा, "मैं हमेश महसूस करती हूं. एक चीज सिखाई गई थी सवाल पूछो. अगर कहा जाता है गंदा है. तो पूछो क्या गंदा है."

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