
कोरोना वायरस को लेकर लोगों के बीच इतना खौफ देखने को मिल रहा है कि अगर कोई बाहर से आया है या फिर किसी को सर्दी-जुखाम है तो उसे भी कोरोना संक्रमित मान लिया जा रहा है. खौफ के इस दौर में इंसानियत कहीं पीछे छूट रही है. टीवी एक्ट्रेस दिव्यांका त्रिपाठी के भाई एक पायलट हैं और देश-विदेश सफर करते रहते हैं. वे जब घर आए तो उन्होंने खुद को सेल्फ क्वारनटीन कर लिया. ऐसे में कोरोना को लेकर फैले खौफ के कारण दिव्याकां के भाई को कोरोना शेमिंग का शिकार होना पड़ा. इस बात से दिव्यांका काफी दुखी हैं और उन्होंने सोशल मीडिया पर अपनी नाराजगी व्यक्त की है.
दिव्यांका त्रिपाठी के भाई ऐश्वर्य त्रिपाठी पेशे से एक पायलट हैं. सोसाइटी का ख्याल रखते हुए ऐश्वर्य ने खुद को करीब दो हफ्तों से क्वारनटीन रखा है जबकी उनमें कोरोना के कोई भी लक्षण नहीं पाए गए हैं. मगर सोसाइटी में इस बात की अफवाहें फैल गईं कि वे कोरोना संक्रमित हैं. ऐसे में खुद दिव्यांका त्रिपाठी ने अपनी भावनाएं व्यक्त कीं और कोरोना शेमिंग को बहुत ही गंभीर बताया.
दिव्यांका ने एक पोस्ट के जरिए लोगों से अपील की कि इस मुश्किल घड़ी में वे अपनी मानवता ना खोएं. कोरोना शेमिंग दिल तोड़ने जैसा है. आप दूसरों से सतर्क जरूर रहें मगर इस प्रकिया में कहीं अपनी संवेदनशीलता को ना भूल जाएं. क्योंकि अंत में मानवता का भाव ही आपको परिभाषित करेगा. दिव्यांका ने कहा कि दो हफ्तों तक कोई भी लक्षण ना मिलने के बाद भी मेरे भाई ने खुद को सेल्फ क्वारनटीन कर के रखा. देश के एक नागरिक होने के नाते ये उसका कर्तव्य था और उसने अपने कर्तव्य का पालन किया.
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'भोपाल स्थित मेरे निवास पर बोर्ड लगाया गया जो कि जरूरी भी है मगर इसमें ये मेंशन नहीं किया गया कि मेरा भाई कोरोना पॉजिटिव नहीं है. मुझे नहीं पता कि किस-किस को कैसी-कैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा होगा. आधों को खामखां बीमार घोषित कर दिया जा रहा है तो कुछ को घर से बाहर ही रहने की सलाह दे दी जा रही है. ये कोई नहीं सोच रहा है कि एक इंसान को कितना कष्ट उठाना पड़ रहा होगा.'दिव्यांका का लोगों को सीधा संदेश
दिव्यांका ने आगे लिखा कि 'मेरे पिता अपनी जान जोखिम में डालकर लोगों तक दवाइयां पहुंचा रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ मेरा भाई बिना किसी खौफ के एक देश से दूसरे देश लोगों को उनके घर सुरक्षित पहुंचाने के लिए जाता रहा. कई सारे लोग सरकार की घोषणा के बाद भी दिन-रात लोगों की मदद करने में लगे हुए हैं. जबकी उनका परिवार उनकी सलामती की दुआ कर रहा है. आप सभी का फर्ज बनता है कि भले ही आप पर्सनली उन्हें थैंक्स नहीं बोल सकते तो जिस तरह भी बनें उनकी रिस्पेक्ट करना सीखें. उन्हें कम से कम सम्मान के साथ रहने दें.'