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जब अमीन सयानी ने कहा, अली के मुक्कों में पंच है तो रेखा की आंखों में पंच है

सुल्तान अहमद बॉलीवुड के जाने-माने प्रोड्यूसर-डायरेक्टर थे. आज उनकी पत्नी फराह सुल्तान अहमद हमसे उन दिनों के अनुभव साझा कर रही हैं जब उनके शौहर ने बॉक्सिंग के लेजेंड को भारत बुलाया था.

नरेंद्र सैनी/पूजा बजाज
  • नई दिल्ली,
  • 04 जून 2016,
  • अपडेटेड 7:18 PM IST

सुल्तान अहमद बॉलीवुड के जाने-माने प्रोड्यूसर-डायरेक्टर थे. आज (4 जून, 2016) उनकी पत्नी फराह सुल्तान अहमद हमसे उन दिनों के अनुभव साझा कर रही हैं जब उनके शौहर ने बॉक्सिंग के लेजेंड को भारत बुलाया था.

मुहम्मद अली के निधन पर आप क्या कहना चाहेंगी?
यह एक बहुत बड़ा नुक्सान है. वह शांति दूत की तरह थे, उनका जाना बहुत ही दुखद है.

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सुल्तान परिवार के मुहम्मद अली के साथ किस तरह के संबंध थे?
जब मैं उनसे मिली तो मुझे लगा ही नहीं मैं उनसे पहली बार मिली हूं. हमारे उनके साथ पारिवारिक संबंध थे.

मुहम्मद अली को भारत लाने का फैसला किसका था?
यह मेरे पति सुल्तान अहमद ही थे जिन्होंने अपनी फिल्म 'दाता' के सफल होने पर उन्हें 1991 में सितारों से भरे आयोजन में आमंत्रित किया था.

बॉलीवुड के सितारों की उनसे मिलने पर क्या प्रतिक्रिया थी?
उनकी मौजूदगी से हर कोई बहुत ही प्यार सद्भाव भरे माहौल में तैर रहा था.

रेखा से मिलने पर उनका क्या रिएक्शन था?
रेखा सुल्तान अहमद की दूसरी फिल्म 'गंगा की सौगंध' की हीरोइन थी, जब चैंपियन रेखा से मिले तो पीछे से आरजे अमीन सयानी की आवाज आई और वे बोले, 'उनके मुक्के में पंच है तो रेखा की आंखों में पंच है.'

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उनके मिलने का आपका अनुभव कैसा रहा?
ऐसा अनुभव जिंदगी में एक बार ही होता है. बच्चों को लेकर उनका प्यार भी मैंने देखा. वे मेरे बड़े बेटे अली अब्बास के साथ खेलते थे.

कोई किस्सा आप साझा करना चाहेंगी?
जब मैंने मुहम्मद अली से हाथ मिलाया, तो मुझे रिंग में उनके प्रतिद्वंद्वी की हालत क्या होती होगी यह ख्याल आ रहा था.

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