
चाइल्ड ट्रैफिकिंग पर एक फिल्म आने वाली है. 12 साल पहले फिल्म की शुरुआत हुई थी. इसकी कहानी बच्चों की तस्करी, यौन शोषण जैसे संवेदनशील मुद्दे पर आधारित है. सेंसर ने कंटेंट के कई हिस्सों पर आपत्ति जताते हुए कैंची चलाई है.
फिल्म का नाम लव सोनिया है, सेंसर बोर्ड ने 'A' सर्टिफिकेट देने के लिए 45 से ज्यादा कट लगाए हैं. इसमें मनोज वाजपेयी, रिचा चड्डा, मृणाल ठाकुर, राजकुमार राव और फ्रीडा पिंटो अहम भूमिका में हैं. सेंसर बोर्ड ने फिल्म से सभी इंग्लिश और हिंदी में मौजूद अपशब्द और गाली हटाने का आदेश दिया है. फिल्म में मौजूद यौन शोषण के कई सीन्स पर भी CBFC ने कैंची चलाई है.
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पहलाज निहलानी के CBFC पद छोड़ने के बाद भी फिल्मों पर कट लगाने का सिलसिला रुका नहीं है. प्रशून जोशी के CBFC अध्यक्ष बनने के बाद लगा था कि अब फिल्म मेकर्स को थोड़ी राहत मिलेगी. लेकिन मौजूदा हालात को देखते हुए लगता है यह सिलसिला अभी जारी रहेगा.
डायरेक्टर तबरेज नूरानी ने फिल्म को बनाने के लिए 12 साल का इंतजार किया. इतने लंबे इंतजार के बाद सेंसर बोर्ड के रवैये से वह काफी निराश हैं. उनका कहना है, मैंने फिल्म के लिए काफी रिसर्च की है, रेड लाइट एरिया पर गया, एनजीओ की मदद से कई लड़कियों को इस गंदगी से निकाला. मैं इस तरह की फिल्म को हमेशा से डायरेक्ट करना चाहता था. इस फिल्म के लिए मैंने काफी मेहनत की है.
तबरेज का मानना है कि सिनेमा ने मानव तस्करी के मुद्दे पर न्याय नहीं किया है. एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा, मानव तस्करी पर लुकास मूडिससन की फिल्म Lilya 4-ever सबसे प्रभावशाली है. वहीं भारत में भी इस मुद्दे पर नागेश कुकुनूर ने लक्ष्मी और प्रदीप सरकार ने मर्दानी बनाई है. लेकिन मुझे लगता है इन्होंने दर्शकों पर कोई बड़ा प्रभाव नहीं छोड़ा.