
'खिलाड़ी कुमार' के नाम से मशहूर अभिनेता अक्षय कुमार साल में 4 -5 फिल्में करने के लिए जाने जाते हैं, और जल्द ही उनकी फिल्म 'एयरलिफ्ट' 22 जनवरी को रिलीज होने वाली हैं. हमने अक्षय से इस फिल्म और साथ ही अन्य कई विषयों पर बातचीत की है, पेश हैं उसी इंटरव्यू के कुछ मुख्य अंश:
'एयरलिफ्ट' जैसी फिल्म करने के पीछे का कारण क्या था?
सबसे पहले बता दूं कि यह कोई सब्जेक्ट नहीं है, बल्कि असली कहानी है. यह कहानी साल 1990 की है, जब सद्दाम हुसैन ने कुवैत पर तेल को लेकर अटैक किया था. उस समय वहां पर 1 लाख 70 हजार हिंदुस्तानी थे, इनमें से कई पैसे वाले भी थे. तभी अचानक ऐसे हालात आते हैं कि किसी के पास पैसे नहीं बचते हैं और उनकी हालत दयनीय हो जाती है. यह कहानी अपने आप में दिलचस्प थी, इसलिए मैंने की.
क्या आपने घटना से जुड़े लोगों से मुलाकात भी की?
जी, इस दौरान हमने कई लोगों से मुलाकात भी की और कई तरह की बातें भी सामने आईं. यानी उस दौरान इराकी लोगों का कुवैतियों पर इस कदर भय था कि भारतीय होने की पहचान होने पर ही उन्हें बख्शा जाता था. इसके अलावा मुलाकात के दौरान एक नर्स बताती है कि उस दौर में इराकियों ने एक अस्पताल में जाकर आईसीयू में भर्ती सभी कुवैतियों के लाइफ सपोर्ट तक भी निकाल दिए गए थे, मतलब उस समय वहां पर मौजूद भारतीयों के लिए हालात बहुत ही खराब थे. बस, उसी रियल स्टोरी को बड़े पर्दे पर दिखाने की कोशिश की गई है. उस घटनाक्रम में एयर इंडिया के पायलट्स का काफी सपोर्ट मिला था, जिन्होंने एक वार जोन में जाकर सभी भारतीयों को फ्लाइट से वापस भारत लेकर आने का काम किया था.
आप किस किरदार में दिखाई देंगे?
मैंने एक बिजनेसमैन 'रंजीत कटियाल' की भूमिका निभाई है. वह कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी अपना काम निकालना बखूबी जानता है. यानी वह लोगों से डील करके अपने मुकाम पर पहुंचता है और जीत हासिल करता है. रंजीत बहुत ही सुलझा हुआ इंसान है, जो अपने हिसाब से ही कामयाबी हासिल करता है.
फिल्म की तैयारियां खास रहीं?
मैंने कोई खास स्टडी नहीं की. अपनी पिछली फिल्मों की तरह ही मैंने इसमें भी अपने निर्देशक की गाइडलाइंस को फॉलो किया है. तो मेरी जगह, सारी तैयारियां खुद डायरेक्टर ने की.
क्या फिल्म के जरिए लोगों तक देशभक्ति का संदेश पहुंचेगा?
हां-हां, क्यों नहीं. हमेशा से ही हम फिल्मों के माध्यम से दर्शकों को देश भक्ति का मैसेज देते आए हैं. यह फिल्म एक सच्ची घटना पर आधारित है, इसलिए फिल्म से लोगों तक देश भक्ति का मैसेज पहुंचना लाजमी है. इसके अलावा मेरा मानना है कि इस कहानी को स्कूली बच्चों के सिलेबस में भी अनिवार्य कर देना चाहिए, जिससे की बच्चे भी 1990 की घटना को जान और समझ सके और हां मुझे भारतीय होने पर बेहद गर्व है.
रजनीकांत के साथ 'रोबोट 2' की शूटिंग कब करे रहे हैं?
शायद मार्च में शुरू हो, अभी तक कोई खबर नहीं है. बस इतना पता है कि मैं विलेन के अवतार में हूं.
शूटिंग के दौरान आपकी आंखें भी भर आई थीं?
फिल्म में शूटिंग के दौरान कई ऐसे रियल सींस थे, जिन्हें करते वक्त कहीं न कहीं दिल पसीज जाता था. इसके अलावा शूटिंग के दौरान हुई कई लोगों से मुलाकात के दौरान भी रोना आ जाता था. खास तौर से जब भारतीय लोगों को देश के लिए रवाना करने वाला सीन और तिरंगा सामने दिखता है तो आंखें नम हो गयी थीं.
आजकल दुनिया भर में काफी शरणार्थी हैं. उनके विषय में आपकी क्या राय है?
आपको पता है, करीब 22 मिलियन शरणार्थी दुनिया भर में हैं, जो अपने हक की लड़ाई आज भी लड़ रहे हैं. बात की जाए कश्मीरी पंडितों की तो उन्हें भी अपने ही देश में रिफ्यूजी का दर्जा प्राप्त है, जिसे लेकर आए दिन बहस चला करती है. ये सभी लोग अपनी मंजिल की तलाश में इधर उधर भटकते रहते हैं. उनके पास रहने के लिए छत ही नहीं है, बल्कि देश भी नहीं है, जिसे वो अपना कह सकें.
आप नमस्ते इंग्लैंड की शूटिंग कब शुरू कर रहे हैं?
अभी उसके विषय में बात कर पाना मुश्किल है.
फर्स्ट टाइम डायरेक्टर राजा कृष्ण मेनन के साथ काम करने का अनुभव कैसा रहा?
इस फिल्म को राजा मेनन पहली बार निर्देशित कर रहे हैं. इससे पहले उन्होंने कई सारे विज्ञापन बनाए हैं. साथ ही इनके कुछ यार-मित्र कुवैत में भी रहते हैं, जिसकी वजह से उन्हें वहां के माहौल व अन्य तरह की कई जानकारियां आसानी से उपलब्ध हो सकीं. खास बात तो यह है कि उन्होंने कभी सोचा भी नहीं होगा कि कभी वो इस कहानी को डायरेक्ट भी करेंगे, उन्होंने बड़े ही ईमानदारी से और बगैर कोई मसाला डाले इसे बनाया है.
कहां-कहां शूटिंग की गई है?
इसकी शूटिंग दुबई स्थित रसलखेमा, अबूधाबी समेत कई जगह पर की गई है.
अपनी को-स्टार निम्रत कौर के बारे में क्या कहना चाहेंगे?
वाकई में निम्रत काफी अच्छी एक्ट्रेस हैं . इनके साथ काम करने में जरा भी एहसास नहीं हुआ कि मैं किसी नए के साथ काम कर रहा हूं. उन्हें जो भी पहले से समझा दिया जाता था, वो वैसा ही करती थीं. निम्रत का स्वभाव बहुत ही शांत है और वह खुद के काम पर फोकस भी करती हैं.
क्या आपने कभी हॉलीवुड फिल्मों के लिए सोचा है?
(हंसते हुए) देखिए, हॉलीवुड इतना बड़ा इलाका है, जहां मैं घूमता रहूंगा और किसी को नजर भी नहीं आऊंगा. यानी वहां पर छोटे-छोटे रोल करने से बेहतर है कि अपने देश में कुछ नया और अच्छा किया जाए.
आगामी क्या सोच है?
फिलहाल तो इस फिल्म के प्रमोशंस में ही बिजी हूं. साथ ही रजनीकांत की एक फिल्म है, जिसकी शूटिंग अगले 2 से 3 महीने में शुरू होने वाली है. इसके अलावा कई अन्य प्रोजेक्ट्स भी है, जिनके बारे में जल्द ही बताऊंगा.