
एटीएम पर कतार, बैंकों में बुरा हाल. क्रेडिट कार्ड्स और डेबिट कार्ड को लेकर फ्रॉड. नोटबंदी के असर सिर्फ इतने ही नहीं हैं. फिल्म इंडस्ट्री भी इससे बेहाल है. जहां 'तुम हो' और प्रियंका चोपड़ा के प्रोडक्शन हाउस की पंजाबी फिल्म 'सरवन' की रिलीज डेट आगे घिसक गई हैं, वहीं अजय देवगन की फिल्म 'बादशाहो' की शूटिंग नोटबंदी की वजह से दस दिन आगे टालनी पड़ी.
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फिल्म विश्लेषक मानते हैं कि यह तो बड़े प्रोड्यूसर हैं जो इस तरह के झटके सह जा रहे हैं और वे ऑनलाइन पेमेंट और चेक के जरिये अपने काम को अंजाम दे रहे हैं. लेकिन छोटे प्रोड्यूसर्स के लिए चीजें इतनी आसान नहीं हैं. कई फिल्मों को तो अगले छह महीने तक के लिए ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है.
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विडंबना यह है कि फिल्म इंडस्ट्री में कोई भी इस नोटबंदी के खिलाफ कुछ बोलना नहीं चाहता है. आखिर क्यों? एक प्रोड्यूसर नाम न छापने की शर्त पर बताते हैं, 'हमें सरकार से कई काम पड़ते हैं. फिर फिल्म सेंसर के लिए भी तो जानी है. इसलिए हम कुछ भी कहकर अपनी फिल्म और खुद को मुश्किल में नहीं डाल सकते हैं.'वाकई लेकिन उनकी बातों में झलकते दर्द से इस बात को समझा जा सकता है कि किस तरह नोटबंदी ने उनकी कमर तोड़ी है.
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यही नहीं, असली दिक्कत वहां आ रही हैं जहां फिल्म की शूटिंग के दौरान काम करने वालों को रोजाना के हिसाब से पेमेंट करनी पड़ती है. ऐसे स्टाफ को देने के लिए पैसा नहीं है और इसके चलते फिल्म की शूटिंग को कुछ अर्से के लिए टाल दिया गया है. फिल्म विश्लेषक अतुल मोहन कहते हैं, 'इसका असर अभी नहीं तो कुछ समय बाद नजर आएगा. हर साल बॉलीवुड में छोटी-बड़ी लगभग डेढ़ सौ फिल्में रिलीज होती हैं. अगले साल इस आंकड़े में कमी दर्ज की जाएगी.' उनका कहना एकदम सही है और इसका असर फिल्म से जुड़े उस तबके पर पड़ेगा जिसका जीवन बहुत आसान नहीं है.