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पद्मावती विवाद: सियासत के बाद अब सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मामला

संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावती की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. वकील सोमेश चंद्रा झा ने एक पेटिशन फाइल करते हुए मेकर्स के खिलाफ रानी पद्मावती को गलत तरीके से पेश करने का आरोप लगाया है.

फिल्म के सीन में दीपिका पादुकोण फिल्म के सीन में दीपिका पादुकोण
वन्‍दना यादव
  • नई दिल्ली,
  • 09 नवंबर 2017,
  • अपडेटेड 10:08 AM IST

संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावती की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. करणी सेना और राजपूत संगठन लगातार बैन करने की मांग कर रहे हैं. सियासत के गलियारों से निकल कर अब विवाद सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया है.

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक वकील सोमेश चंद्रा झा ने एक पेटिशन फाइल करते हुए मेकर्स के खिलाफ रानी पद्मावती को गलत तरीके से पेश करने का आरोप लगाया है. फिल्म में दिखाए जा रहे तथ्यों पर लोगों में गुस्सा बढ़ रहा है. अगर फिल्म रिलीज होती है तो ये कई तरह के विवाद खड़े कर सकती है.

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पेटिशन के मुताबिक, ट्रेलर में दिखाया गया है कि रानी पद्मावती घूमर डांस कर रही हैं, लेकिन राजघराने की रानियां घमूर और ठुमके नहीं लगाती थीं. यहां तक कि उनकी स्क‍िन भी नहीं दिखती थी जैसा कि ट्रेलर में दीपिका को दिखाया जा रहा है. पद्मावती का ये रूप राजपूत कम्यूनिटी की भावनाओं को आहत कर रहा है.

पेटिशन देकर मांग की जा रही है कि पहले इतिहास में रानी के बारे में पूरी जानकारी हासिल कर लेने के बाद ही इसे रिलीज होने दिया जाए. वहीं दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के विकासनगर में क्षत्रिय समाज के लोगों ने 'पद्मावती' फिल्म का विरोध करते हुए फिल्म के निर्देशक संजय लीला भंसाली और एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण का पुतला फूंका.

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करणी सेना के बाद अब ये संगठन भी आया फिल्म 'पद्मावती' के विरोध में

विरोध प्रदर्शन में शामिल क्षत्रिय समाज के नेता मनोज सिंह चौहान ने कहा कि पैसा कमाने की होड़ में हमारी संस्कृति, हमारी आस्था हमारे इतिहास और हमारे सम्मान से खिलवाड़ करने की फिल्म वालों की करतूत को हम क्षत्रिय कतई सफल नहीं होने देंगे. फिल्म 'पद्मावती' किसी भी हाल में रिलीज नहीं होने दी जाएगी.

फिल्म पद्मावती के खिलाफ लगातार हो रहे विरोध पर निर्देशक संजय लीला भंसाली ने अपनी चुप्पी तोड़ी है. उन्होंने एक वीडियो के जरिए साफ किया कि फिल्म में रानी पद्मिनी और खिलजी के बीच कोई ड्रीम सीक्वेंस नहीं है.

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बता दें, शहर-शहर फिल्म के विरोध में नेताओं, राजपूत संगठनों और पूर्व राजघराने की प्रिंसेस तक आ खड़े हुए हैं. राजस्थान में तो भंसाली की मुसीबत और बढ़ गई है. वहां कोई डिस्ट्रीब्यूटर फिल्म दिखाने को राजी नहीं है. सभी ने फिल्म के राइट्स खरीदने से मना कर दिया है.

फिल्म के विरोध में जयपुर के पूर्व राजपरिवार ने भी मोर्चा खोल दिया है. पूर्व राजघराने की प्रिंसेस और विधायक दीया कुमारी ने अपना गुस्सा जाहिर किया है. उन्होंने कहा कि फिल्म के बहाने राजस्थान के इतिहास से छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है. इसके अलावा करणी सेना पहले से ही फिल्म की घेराबंदी करे हुए हैं.

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