
बॉलीवुड भारतीय राजनीति की तरह भाई-भतीजावाद की सबसे बड़ी मिसाल है. जहां कपूर, चोपड़ा, रोशन और खान का कब्जा है, और फिल्म इंडस्ट्री में आउटसाइडर के लिए जगह बनाना कोई आसान काम नहीं है. लेकिन अगर कोई स्टार किड है तो मौकों की भरमार है. फ्लॉप ज्यादा मायने नहीं रखती और करियर हिचकोले खाते हुए चलता ही रहता है.
पिछले हफ्ते अनिल कपूर के साहेबजादे और सोनम कपूर के भाई हर्षवर्धन कपूर ने बॉक्स ऑफिस पर दस्तक दी. फिल्म औंधे मुंह बॉक्स ऑफिस पर गिरी. कपूर सन और फिल्मी फैमिली से ताल्लुक रखने वाली सयामी खेर की जोड़ी में कोई करंट नहीं था और यह जोड़ी दर्शकों को सिनेमाघर तक लाने में बुरी तरह नाकाम रही. हर्षवर्धन कपूर को इस बात से सावधान हो जाना चाहिए क्योंकि यह संकेत उनके लिए अच्छे नहीं हैं.
स्टार पिता होने की वजह से दर्शक बेटे में भी वही हुनर ढूंढते हैं और वैसा ही माहिरपन भी. अगर बेटा बाप से कहीं भी उन्नीस निकला तो उसका हश्र बुरा होता है. जैसा जितेंद्र के सुपुत्र तुषार कपूर के साथ हुआ. वह जंपिंग जैक पिता के आसपास कहीं भी नहीं थे और सिर्फ अपनी बहन की फिल्मों के सहारे ही करियर चला रहे है.
लेकिन स्टार किड्स के लिए सबसे खतरनाक होता है एक्टिव पिता और वह भी अगर वो मेन रोल में हो तो. जैसा अभिषेक बच्चन के मामले में हैं. जब अभिषेक ने 2000 में रिफ्यूजी से करियर शुरू किया उस समय उनके पिता अमिताभ बच्चन 'मुहब्बतें' और 'आंखें' जैसी फिल्में कर रहे थें. उनका फिल्म इंडस्ट्री में पूरा जलवा था और उन्हें लेकर फिल्में लिखी जा रही थीं. उनका अंदाज सब के दिलो दिमाग पर हावी था. ऐसे में अभिषेक की एंट्री हुई और वह लाख कोशिशों के बावजूद दर्शकों का दिल उस तरह जीतने में कामयाब नहीं हो सके, जिस तरह का जलवा उनके पिता ने बिखेरा था. वह लाख कोशिशों के बावजूद असफल रहे और आजकल फिल्मों (मल्टीस्टारर अधिकतर) के साथ कबड्डी लीग भी चला रहे हैं.
हर्षवर्धन कपूर को इस बात को बहुत सावधानी से लेना होगा क्योंकि उनके पिता अनिल कपूर फिल्मों में सक्रिय हैं. इन दिनों टीवी पर वह 24 के साथ अपना झकास स्टाइल दिखा रहे हैं. खास यह कि 24 का यह सीजन-2 है. यानी सफलता उनके कदम अब भी चूम रही है और वह भी छोटे-बड़े परदे दोनों पर ही. वह हॉलीवुड में 'मिशन इम्पॉसिबल' जैसी फिल्म कर चुके हैं और 'स्लमडॉग मिलेनयर' तो सबको याद ही है. उनकी रेस फ्रेंचाइजी दर्शकों में काफी लोकप्रिय हैं. अनिल कपूर 59 साल के हैं और अपने लुक और बिंदासपन की वजह से उनकी उम्र का कोई अंदाजा ही नहीं लगा सकता है. फिर जिस तरह की एनर्जी वह लेकर आते हैं वह कमाल है. उनकी कॉमेडी फिल्म 'वैलकम बैक' भी हिट रही है.
हर्षवर्धन को पिता की झलक को कहीं भी खुद पर हावी नहीं होने देना होगा. उन्हें न तो अनिल कपूर जैसे नाचने की जरूरत है, न ही हंसने की और न ही चलने की और न ही झकास बोलने की. 'मिर्ज़िया' एक हादसा हो सकती है. लेकिन हर्षवर्धन को कहीं भी ऐसी कोई कोशिश नहीं करनी चाहिए जिससे कम्पेरिजन शुरू हो जाए. उन्हें अपनी स्टार किड होने को भूलकर फिल्म की कहानी और अपने टैलेंट पर भरोसा करना होगा क्योंकि एक सुपरस्टार सन होने की वजह से उन्हें फिल्में तो मिल सकती हैं, लेकिन कामयाबी उन्हें अपने ही दम पर मिलेगी...