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सुपरहिट फिल्म शोले 15 अगस्त 1975 के दिन रिलीज हुई थी. इसे 43 साल पूरे हो गए हैं. संजीव कुमार, धर्मेद्र, अमिताभ बच्चन, जया बच्चन, हेमा मालिनी और अमजद खान जैसी स्टारकास्ट से सजी इस फिल्म की ओर शुरू में दर्शकों और समीक्षकों ने कोई ध्यान नहीं दिया था. रमेश सिप्पी की इस फिल्म पर उसी समय रिलीज हुई फिल्म 'जय संतोषी मां' भारी पड़ती दिख रही थी. लेकिन दो हफ्ते बाद फिल्म ने जो लोकप्रियता हासिल की, वह आगे जाकर इतिहास बन गई. आइए जानते हैं इस फिल्म से जुड़े 20 रोचक तथ्य.
1. आज के सुपरस्टार अमिताभ बच्चन उस समय इंडस्ट्री में इतने अपरिचित थे कि कई समीक्षकों ने अपने रिव्यू में उनके नाम का उल्लेख तक नहीं किया था. उन्हें धरम का दोस्त लिखा गया. जबकि फिल्मों में नए-नए आए अमजद खान का नाम लिखा गया. एक पुराने अंग्रेजी न्यूजपेपर की कटिंग से यह बात साबित होती है.
2. धर्मेंद्र ठाकुर की भूमिका करने चाहते थे. लेकिन जब उन्हें पता चला कि संजीव कुमार, हेमा मालिनी के अपोजिट वीरू की भूमिका निभाएंगे तो उन्होंने अपना इरादा बदल दिया और वीरू की भूमिका निभाई.
15 अगस्त को रिलीज हुई थी शोले, पहले रिव्यू में अमिताभ बच्चन का नाम तक नहीं था
3. साल 1975 में लगाई गई इमरजेंसी का फिल्म जगत पर गहर असर पड़ा था. ये असर इतना प्रभावी था कि कई निर्माताओं, कलाकारों को नुकसान तक झेलना पड़ा. फिल्मों की सेंसरशिप में दखलअंदाजी की जाने लगी, फिल्म के प्रिंट स्क्रीन तक जला दिए गए थे. हिंदी सिनेमा की आइकॉनिक फिल्म शोले पर भी इमरजेंसी की मार पड़ी थी.
4. असली क्लाइमैक्स सीन में ठाकुर अपने नुकीले जूतों से गब्बर को मार देता है. इस सीन को सेंसर ने कानून का हवाला देकर बदलने को कहा था. इसके बाद 26 दिनों में क्लाइमेक्स को दोबारा शूट किया गया. जिसमें गब्बर को कानून के हवाले किया गया.''
5. शोले का कुल बजट 3 करोड़ रुपए था. निर्देशक रमेश सिप्पी कह चुके हैं कि आज इस फिल्म को बनाने में 150 करोड़ रुपए का बजट चाहिए. जबकि 100 करोड़ रुपए कम से कम स्टार कास्ट पर. जबकि उस समय सिर्फ 20 लाख रुपए में कास्टिंग हो गई थी.
6. ये फिल्म तीन साल में बन पाई थी. इसका एक अहम कारण था सिप्पी द्वारा सीन को परफेक्ट बनाने के लिए बार-बार शूट किया जाना.
7. अमिताभ बच्चन ने एक इंटरव्यू में कहा था कि सिप्पी ने एक सीन फिल्माने के लिए 20 दिन तक इंतजार किया था. इसके 26 रीटेक हुए थे. ये सीन था, जब जया बच्चन लालटेन जलाने आती हैं. इसे खास रोशनी में शूट करना था, जो कि मिल नहीं रही थी.
8. शोले में सूरमा भोपाली का किरदार जगदीप जाफरी ने निभाया था जिसे आज भी सब याद करते है और सूरमा भोपाली के नाम से ही पहचानते हैं. दरअसल, यह एक वास्तविक किरदार था. सूरमा भोपाल का रहने वाला एक फॉरेस्ट अधिकारी था, जिसे जावेद अख्तर करीब से जानते थे.
9. अमिताभ बच्चन, जया, संजीव कुमार, हेमा मालिनी स्टारर फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर करोड़ों की कमाई की थी. कुछ ने तो इसे भारत के इतिहास की सर्वाधिक कमाई करने वाली फिल्म तक करार दिया है.
10. शेखर कपूर ने शोले की तारीफ में कहा था, "हिंदी फ़िल्म इंडस्ट्री को दो भागो में बांटा जा सकता है. पहला हिस्सा 'शोले' की रिलीज़ के पहले का और दूसरा हिस्सा रिलीज़ के बाद का."
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11. पूरी फिल्म की शूटिंग कर्नाटक के बंगलूरू और मैसूर के बीच स्थित पहाड़ियों से घिरे 'रामनगरम' में हुई थी. दक्षिण का 'रामनगरम' को डकैतों के आतंक से पीड़ित उत्तर भारत का एक गांव रामगढ़ की शक्ल दी गई. यहां लगभग दो साल से ज्यादा फिल्म की शूटिंग हुई.
12. निर्माताओं ने रामगढ़ के रूप में एक पूरे गांव को बसाया. गांव तक पहुंचने के लिए पक्की सड़क का निर्माण किया. वैसे ये गांव शोले से पहले भी था, लेकिन शोले के बाद ही लोगों के बीच इस गांव की पहचान हुई. बाद के कुछ सालों में ये पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र भी बना. जब फिल्म की शूटिंग खत्म हुई लोगों ने रामनगरम के एक हिस्से को 'सिप्पी नगर' का नाम देकर निर्माताओं का आभार जताया.
13. बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक जब शोले फिल्म की शूटिंग खत्म हुई तब प्रोडक्शन टीम ने गांव उजाड़ दिया. मुंबई लौटते वक्त जीपी सिप्पी चाहते थे कि रामगढ़ गांव बसाने के लिए जो कीमती सामान खरीदा गया था उसे स्थानीय सेठ पीवी नागराजन को एक लाख रुपये में बेंच दे. लेकिन बात नहीं बन पाई.आखिरकार गांव के निर्माण में इस्तेमाल सारा सामान बांट दिया गया. कुछ सामान नीलाम कर दिया गया. और काफी सारा सामान फिल्म यूनिट के साथ काम कर रहे मजदूरों को दे दिया गया था.
14. 1975 में शोले जब रिलीज हुई तो उसे बहुत अच्छा रेस्पोंस नहीं मिला. समीक्षकों ने भी फिल्म को लेकर बहुत खराब रिव्यू दिए.
15. रमेश सिप्पी के शोले की स्क्रिप्ट मंजूर करने से पहले इसे कई फिल्मकार रिजेक्ट कर चुके थे. पहले सलीम -जावेद ने इसकी 4 लाइन की स्नीपेट क्रिएट की थी.
16. शोले के बाद से ही स्क्रिप्ट राइटर्स को बॉलीवुड में अच्छी फीस और सम्मान मिलना शुरू हुआ.
17. शोले देशभर में कम से कम 100 सिनेमाघरों में 25 हफ्ते तक लगी रही थी.यह अपने आप में एक रिकॉर्ड है.
18. फिल्म के डायलॉग "कितने आदमी थे" को परफेक्ट बनाने के लिए डायरेक्टर ने 40 रीटेक लिए थे.
19. ठाकुर का किरदार पहले रिटायर आर्मी अफसर का था, लेकिन परमिशन में मुश्किल से बचने के लिए इसे रिटायर पुलिस अफसर का किया गया.
20. शोले को 2005 में पिछले 50 साल की बेस्ट फिल्म घोषित किया गया था.