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ड्रेस से लेकर टैटू तक, जब स्टार्स पर लगे धार्मिक भावनाएं आहत करने के आरोप

सोफिया हयात अपनी तस्वीरों के चलते विवादों में हैं. हालांकि ऐसा पहली बार नहीं है जब स्टार्स की तस्वीरों, टैटू या कपड़ों से लोगों की धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं. इससे पहले भी कुछ सितारों को सोशल मीडिया का दंश झेलना पड़ा है.

वाणी कपूर सोर्स इंस्टाग्राम वाणी कपूर सोर्स इंस्टाग्राम
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 22 अप्रैल 2020,
  • अपडेटेड 7:22 AM IST

पूर्व बिग बॉस कंटेस्टेंट सोफिया हयात अपनी फोटोज को लेकर विवादों में हैं. सोफिया ने एक के बाद एक कई फोटोज शेयर की हैं, जिनमें वे न्यूड होकर ॐ की पेंटिंग के सामने पोज दे रही हैं. सोफिया ने अपनी इस फोटो के कैप्शन में पहले अल्बर्ट आइंस्टीन की कही बात लिखी. फिर ॐ और भगवान शिव के बारे में बात की. उनके द्वारा इस्तेमाल किए गए शब्द लोगों को रास नहीं आए और इससे लोगों की धार्मिक भावना आहत हुई. हालांकि ऐसा पहली बार नहीं है जब स्टार्स की तस्वीरों, टैटूज या कपड़ों से लोगों की धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं. इससे पहले भी कुछ सितारों को सोशल मीडिया का दंश झेलना पड़ा है.

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इन सेलेब्स पर लगे थे आरोप

वाणी कपूर ने कुछ समय पहले इंस्टाग्राम पर एक फोटो पोस्ट की थी. उनके इस सफेद रंग के क्रॉप टॉप पर गुलाबी रंग से 'हरे राम हरे कृष्ण' प्रिंट था. ये बात कुछ लोगों को नागवार गुजरी थी और और वाणी के ड्रेसिंग सेंस पर सवाल खड़े हो गए. कई सोशल मीडिया यूजर्स ने जैसे ही भगवान राम का नाम देखा उन्हें ट्रोल करना शुरू कर दिया था और उनपर धार्मिक भावनाएं आहत करने का आरोप लगाया गया था. आखिरकार वाणी को अपनी ये तस्वीर सोशल मीडिया से हटानी पड़ी थी.

कुणाल खेमू को भी कुछ लोगों के आक्रोश का सामना करना पड़ा था क्योंकि उन्होंने भगवान शिवा का टैटू अपने पैर पर बनवा लिया था. कुणाल ने इस बारे में बात करते हुए कहा था, मैंने बहुत सोच-समझकर 7 घंटों का दर्द झेलकर ये टैटू बनवाया है. मैं अपने भगवान की कभी बेइज्जती नहीं कर सकता हूं. मैं जानता हूं कि मेरा दिल और सोच एकदम साफ है लेकिन अगर किसी की भावनाएं इस बात से आहत हुई हैं तो मैं माफी मांगता हूं और मैंने इस टैटू से जुड़ा पोस्ट सोशल प्लेटफॉर्म से हटाने का फैसला किया है.

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मंदिरा बेदी ने अपने पीठ के ऊपरी हिस्से में गुरुमुखी में एक ओंकार का टैटू बनवाया था. मंदिरा के रैंप वॉक के दौरान ये टैटू काफी चर्चा में आ गया था. इसके बाद सिख समुदाय ने मंदिरा पर धार्मिक भावनाएं भड़काने का आरोप लगाया था. मंदिरा बेदी के खिलाफ पंजाब के कई हिस्सों में प्रदर्शन हुए थे.

मंदिरा ने कहा था कि उनका ये टैटू साल 2007 में क्रिकेट विश्व कप के दौरान हाईलाइट हुआ था और उनके खिलाफ प्रदर्शन हुए थे. पुतले जलाए गए थे. मंदिरा ने इसके लिए पब्लिकली माफी भी मांगी थी और मामला शांत हो गया था. लेकिन साल 2010 में एक बार फिर ये मामला हाईलाइट हुआ और उनके खिलाफ क्रिमिनल केस फाइल किया गया था. इसके बाद मंदिरा ने इस टैटू को हटाने का फैसला किया और कवर अप करते हुए एक नया टैटू बनवा लिया था.

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