Advertisement

बच्चों को न दिखाएं सीक्रेट सुपरस्टार? वो गलतियां जिसकी आमिर से नहीं थी उम्मीद

फिल्म के मैसेज और कलाकारों के लाजवाब अभिनय की बात छोड़ दें तो इसमें मौजूद खामियां इसे औसत फिल्म ही बनाती हैं. खासकर जब निर्माण से प्रदर्शन तक परफेक्शन और अलग तरह के पैशन के लिए मशहूर आमिर खान का नाम जुड़ा है तो इसे देखने की न के बराबर गुंजाइश रहती है.

सीक्रेट सुपरस्टार सीक्रेट सुपरस्टार
अनुज कुमार शुक्ला
  • ,
  • 24 अक्टूबर 2017,
  • अपडेटेड 3:04 PM IST

दिवाली पर रिलीज सीक्रेट सुपरस्टार को लोगों की प्रशंसा का जमकर फ़ायदा मिलता दिख रहा है. एक मामूली शहर के लड़की की कहानी को दर्शकों के अलावा क्रिटिक्स ने बेशुमार प्यार दिया. समीक्षकों ने तो इसे आम मुम्बइया मसाला फिल्म से अलग भी कहा. इसमें कोई शक नहीं कि ये अपने दौर की बेहतरीन फिल्म है.

फिल्म के मैसेज और कलाकारों के लाजवाब अभिनय की बात छोड़ दें तो इसमें मौजूद खामियां इसे औसत फिल्म ही बनाती हैं. परफेक्शन और अलग तरह के पैशन के लिए मशहूर आमिर खान की फिल्म में इसे देखने की ना के बराबर गुंजाइश रहती है. एक अच्छी फिल्म की कहानी में खामियां और औसत क्लाइमेक्स इसे साधारण कहानी बना देती है.

Advertisement

बड़ौदा की एक 15 साल की लड़की इंसिया (जायरा वसीम) बोर्ड एग्जाम देने वाली है. वो कमाल की सिंगर और गिटारिस्ट है. उसका सपना सुपरस्टार बनना है. कहानी जितनी इंसिया की है उतनी ही नजमा (मेहर विज) की भी जो एक आम घरेलू महिला है. जिसे टीवी खासकर म्यूजिक रियलिटी शोज देखना बेहद पसंद है. वह अपने अपार्टमेंट में सिमटी एक डरी हुई औरत है जो बच्चों के लिए बेहद फिक्रमंद है. पति से पिटने और उसकी सोच के खिलाफ छिप-छिपाकर बेटी में अपना अक्श तलाशने वाली औरत.

इंसिया का संघर्ष और नजमा की पारंपरिक हदों से निकलने की जद्दोजहद ही कहानी का केंद्र है. नजमा का इंजीनियर पति (राज अर्जुन) भी है. कहानी के मुताबिक वह उतना ही क्रूर और भावशून्य है जितना उसे होना चाहिए. बूढ़ी आपा, इंसिया का भाई गुड्डू, इंसिया का बॉयफ्रेंड और फ्लॉप म्यूजिशियन शक्ति कुमार भी हैं.  

Advertisement

वो बातें जो सीक्रेट सुपरस्टार को आम कहानी साबित करती हैं

#1)क्लाइमेक्स में अवॉर्ड सेरेमनी का सीन बहुत ही गैरजरूरी लगा. रोने-धोने से पता नहीं कब हिंदी फ़िल्में मुक्त होंगी. सीक्रेट सुपर स्टार में भी यह बहुत ड्रामेटिक हो गया है. यह तब और बुरा लगता है जब पूरी फिल्म में बेहतरीन एक्टिंग करने वाली जायरा वसीम के चेहरे पर वो भाव ही नजर नहीं आते जब वो इसे कर रही होती हैं. स्टेज से उतर कर भागते हुए उनका अभिनय बहुत नकली लगता है. फिल्म एयरपोर्ट पर ही ख़त्म कर देनी चाहिए थी.

#2) कहानी नई है, बेहतरीन ढंग से फिल्माई भी गई है. काफी तेज भी. लेकिन कहानी में झोल भी है. इस वजह से ये एक बेहतरीन स्क्रिप्ट होते-होते रह गई. जैसे मां के हाथों कंप्यूटर पाते ही इंसिया रातों-रात यूट्यूब पर गाने अपलोड करती है और एक ही दिन में वो हिट भी हो जाता है. चीजें वायरल एक ही दिन में होती हैं लेकिन इस प्लाट के फिल्मांकन में इंसिया के बाल मन की जो जद्दोजहद है उसे बहुत कम वक्त दिया गया. औसत से ज्यादा लंबी फिल्म में यूट्यूब पर सिंगिंग सनसनी बनने की घटना के बीच इंसिया की उहापोह के लिए थोड़ा और वक्त दिया जाना चाहिए था. लेकिन जैसे जिस तरह से 90 के दशक की आम मुंबईया फिल्मों में होता आया है (कुछ फिल्मों में घर की गरीबी से तंग हीरो एक ही सीन में करोड़पति बन जाता है. या बदला लेने अपराध की दुनिया में आया हीरो रातोंरात शहर का बड़ा गैंगस्टर बन जाता है.) सीक्रेट सुपरस्टार भी उससे बचाई नहीं जा सकी. ये 'जादुई' तेजी अखरती है.

Advertisement

Review: डायरेक्टर की फिल्म है सीक्रेट सुपरस्टार, दंगल के बाद आमिर को देखना दिलचस्प

#3) इंसिया के स्कूल से भागकर मुंबई पहुंचने और रिकॉर्डिंग का प्लाट भी करीब-करीब ऐसा ही है. यानी 'जादुई' तेजी का शिकार. शक्ति कुमार के स्टूडियो में इंसिया का गाना न गा सकने और टॉयलेट में उसके मन के भीतर उमड़ते समंदर को छोड़ दें तो यहां भी सीक्रेट सुपरस्टार आम मसाला फिल्म जैसी लगती है. चूंकि फिल्म में अभिनय और संपादन इतना असरदार है कि इसे देखते वक्त इन चीजों को सोचने का वक्त ही नहीं मिलता. पर ये दंगल जैसी नहीं है जहां कहानी में यथार्थ का काफी ध्यान रखा गया था. कहानी के ये दो ऐसे पिलर हैं जिस पर पूरी फिल्म खड़ी है. यहां ज्यादा बारीकी की जरूरत थी इससे इंसिया का अपना संघर्ष और बड़ा कैनवास पाता.

#4) बूढ़ी आपा द्वारा इंसिया को उसके पैदा होने की जानकारी देना, कहानी की मूल आत्मा के विपरीत तथ्य परोसना है. कहानी के मुताबिक इंसिया का इंजीनियर पिता एक मुस्लिम रुढ़िवादी पुरुष है जो अपनी बेटी को पढ़ा-लिखाकर बोर्ड एग्जाम के बाद शादी रियाद में शादी कराने की सोच रहा है. ऐसा रूढ़ पुरुष कैसे 10 महीने गायब रही अपनी पत्नी को वापस घर आने देता है? दरअसल, फिल्म की कहानी में बूढ़ी आपा इंसिया को बताती हैं कि जब वह पेट में थी तो उसका पिता नजमा का अबॉर्शन कराना चाहता था. लेकिन नजमा अस्पताल से भाग जाती है और 10 महीने बाद जब घर लौटती है तो उसकी गोद में इंसिया होती है. फिर दूसरी बेटी न पैदा करने की शर्त पर इंसिया का पिता उसे वापस आने देता है.

Advertisement

आमिर बोले- जब जायरा दर्शकों को खींचने में सफल होगी, तब उसे मुझसे ज्यादा फीस मिलेगी

कहानी का ये सिरा एक रुढ़िवादी पुरुष के चरित्र के मुताबिक सही नहीं था. इसे उतना ही सेंसलेस मान सकते हैं जितना थ्री इडियट में रैंचों का जुगाड़ से डिलीवरी कराना था. फिल्म के निर्देशक अद्वैत चंदन जिन्होंने खुद इसकी कहानी भी लिखी है, वो इसे किसी और बेहतर तरीके भी बता सकते थे. इससे कहानी की आत्मा पर कोई असर नहीं पड़ता.

#5) सोशल कंसर्न के लिए फ़िल्में बनाने वाले आमिर खान ने जाने-अनजाने एक बड़ी भूल भी फिल्म में कर दी है. दरअसल, मां से लैपटॉप पाने के बाद जिस तरह इंसिया रात के तीन बजे तक इंटरनेट इस्तेमाल करती है और सोशल साइट्स पर वक्त बिताती है उसे दिखाया जाना एक तरह से गलत है. जब वह इन चीजों को अपनी मां की सहमति और देखरेख में कर रही है तो एक किशोर के इंटरनेट इस्तेमाल करने का प्लाट किसी और तरह से फिल्माना चाहिए था. ये सीन किशोर मन के बच्चों पर बुरा असर डालने वाले बन गए हैं. वैसे भी उन परिवारों में ऐसी दिक्कत देखने में आ रही है जहां बच्चे देर रात इंटरनेट पर वक्त बिता रहे हैं.

Advertisement

#6) इंसिया को अपनी मां का पूरा सपोर्ट है तो बिना बताए स्कूल बंक कर अकेले घर से भागना दिखाने की जरूरत नहीं थी. फिल्म में कई काम के लिए उसके पिता घर से बाहर दिखाए गए हैं, ऐसे में शक्ति कुमार का कोई आदमी उसे बड़ौदा से पिक-ड्राप करता तो कहानी पर ज्यादा फर्क नहीं पड़ता. इसी दौरान मां के तलाक को लेकर लॉयर रीना से इंसिया की मीटिंग फिल्माई जा सकती थी. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. फिल्म के सीन से किशोर मन के ड्रॉप आउट की आशंका खारिज नहीं की जा सकती. 'तारे जमीं पर' जैसी सार्थक फिल्म बनाने वाले आमिर से ऐसी उम्मीद तो नहीं थी.

(सभी फोटो सीक्रेट सुपर स्टार से साभार)

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement