
एजेंडा आजतक 2017 के अहम सत्र मिशन कश्मीर में जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक़ अब्दुल्ला ने शिरकत की. पूर्व मुख्यमंत्री फारूक़ अब्दुल्ला ने इस सेशन में कई संवेदनशील मुद्दों पर बेबाकी से अपनी राय रखी. उन्होंने अपने मुख्यमंत्री कार्यकाल में दो बार आतंकवादियों को छोड़ने का भी जिक्र किया. फारूक़ अब्दुल्ला ने कहा कि कंधार इंडियन एयरलाइंस के हाइजैक मामले में आंतकियों को छोड़ने की वजह से ही आज आतंक का संकट गहरा गया है. फारूक़ अब्दुल्ला ने कहा कि उस समय उन्होंने एनडीए सरकार को साफ साफ कहा था कि यह फैसला आगे चलकर फांसी का फंदा बनेगा.
पूर्व मुख्यमंत्री फारूक़ अब्दुल्ला ने हाइजैक मसले पर सवाल उठाया कि कौन जिम्मेदार है, उनको कंधार पहुंचाने के लिए. फारूक बोले कि मैंने कहा था कि मत छोड़ो. 200 लोगों को कुर्बान होने देते. देश के लिए लोग कुर्बान किए जा सकते थे. फारूक ने बताया कि उन्होंने चेताया था कि यह तुम्हारे लिए फांसी का फंदा होगा. वहीं पूर्व मुख्यमंत्री फारूक़ अब्दुल्ला ने मुफ्ती मुहम्मद सईद की बेटी के अपहरण के बदले आतंकियों को छोड़ने का भी जिक्र किया. फारूक ने कहा कि यह दोनों फैसला गलत था और इन फैसलों की वजह से हम आज मौलाना मसूद अजहर को आतंकवादी घोषित करवाने के लिए परेशान हैं.
फारुक ने बताया कि अपहरण होने पर केन्द्र से दो मंत्री कश्मीर पहुंचे. गुजराल ने कहा कि हमें आदेश आया है कि अगर फारुक़ अब्दुल्ला ने ना कहा तो उसे बर्खास्त करो. आईके गुजराल ने कहा कि यदि हम आतंकियों को रिहा नहीं करेंगे तो सरकार गिर जाएगी. फारुक़ अब्दुल्ला ने कहा कि मुझे आतंकियों की रिहाई के लिए राजी किया गया. इसपर मैंने 13 पेज का लेटर गवर्नर को भेजा था.