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केरल में RSS विक्टिम नहीं है, हमलावर है: वृंदा करात

केरल सरकार की लेफ्ट सरकार पर संघ और बीजेपी आरएसएस की कार्यकर्ताओं की हत्या का आरोप लगाते रहती है. इसी मुद्दे पर लेफ्ट नेता वृंदा करात से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि उन्हें लाशों की संख्या बता पर बोलना और उसे अपनी बात साबित करने के लिए इस्तेमाल करना अच्छा नहीं लगता है.

वृंदा करात वृंदा करात
अंकुर कुमार
  • नई दिल्ली ,
  • 02 दिसंबर 2017,
  • अपडेटेड 10:29 PM IST

एजेंडा आजतक 2017 के विशेष सत्र लेफ्ट बनाम राइट में लेफ्ट नेता वृंदा करात ने शिरकत की. इस सत्र का संचालन वृंदा करात ने किया. वृंदा करात ने इस सत्र के दौरान बीजेपी और आरएसएस पर जमकर हमला बोला. वृंदा करात ने इस दौरान पश्च‍िम बंगाल के पूर्व लेफ्ट सरकारों और केरल में मौजूद लेफ्ट सरकार के काम उदाहरण भी दिया. वहीं उन्होंने केरल में राजनीतिक हिंसा पर भी टिप्पणी की. केरल में राजनीतिक हिंसा के लिए वृंदा करात ने आरएसएस को जिम्मेदार ठहराया.

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केरल सरकार की लेफ्ट सरकार पर संघ और बीजेपी आरएसएस की कार्यकर्ताओं की हत्या का आरोप लगाते रहती है. इसी मुद्दे पर लेफ्ट नेता वृंदा करात से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि उन्हें लाशों की संख्या बता पर बोलना और उसे अपनी बात साबित करने के लिए इस्तेमाल करना अच्छा नहीं लगता है. हालांकि मजबूरी में उन्हें ऐसा करना पड़ता है ताकि सच सामने आ सके. वृंदा करात सवाल किया कि इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि किस पार्टी के कितने कार्यकर्ता मारे, किस पार्टी ने हत्याएं की. वृंदा करात ने कहा कि सच्चाई यह है कि आरएसएस केरल में विक्टिम नहीं है. आरएसएस वहां हमलावर है और हिंसा को बढ़ावा देती है. वृंदा करात ने पूछा कि कौन रैली करके मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन के सर काटकर लाने पर करोड़ रुपये देने की घोषणा करता है.

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यही नहीं वृंदा ने कहा कि लेफ्ट पार्टी कॉरपोरेट चन्दे पर नहीं चलती लेकिन मौजूदा समय में लेफ्ट को छोड़कर सभी पार्टियां कॉरपोरेट चंदे पर चल रही है. वॉर्ड के चुनाव में भी करोड़ों खर्च करने पड़ रहे है. वृंदा के अनुसार चुनावी प्रणाली में सुधार की जरूरत है, जहां पैसे पर निर्भरता कम हो. वृंदा ने कहा कि यूपी के निकाय चुनावों से साफ है कि महज एक तिहाई वोट शेयर के साथ कैसे कोई सत्तारूढ़ पार्टी अपनी विचारधारा को आगे बढ़ाने का काम करती है.

वृंदा करात ने कहा कि पूर्व की पश्‍च‍िम बंगाल की लेफ्ट सरकार के साथ केंद्र भेदभाव करता था. यूपी और महाराष्ट्र के तुलना में बंगाल को कम मदद पहुंचाई गई. लेफ्ट सरकार ने भूमि सुधार कर बंगाल के किसानों को भूखमरी से बचाया.

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