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प्रकाश जावड़ेकर ने पूछा सवाल- पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की संख्या क्यों घटी

सत्र के दौरान नागरिकता कानून और उससे जुड़े तमाम मुद्दों पर विस्तार से चर्चा हुई. दोनों ही केन्द्रीय मंत्रियों ने बारी-बारी सरकार का पक्ष रखा और यह विश्वास दिलाया कि इस बिल से भारतीय नागरिकों का कोई नुकसान नहीं होने वाला, उन्हें डरने की जरूरत नहीं है.

एजेंडा आजतक 2019 के दूसरे दिन केन्द्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने की शिरकत एजेंडा आजतक 2019 के दूसरे दिन केन्द्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने की शिरकत
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 17 दिसंबर 2019,
  • अपडेटेड 8:23 PM IST

  • एजेंडा आजतक में नागरिकता कानून पर हुई लंबी चर्चा
  • चर्चा में शामिल हुए प्रकाश जावड़ेकर और पीयूष गोयल

एजेंडा आजतक 2019 के दूसरे दिन एक विशेष सत्र में केन्द्रीय वाणिज्य, उद्योग और रेल मंत्री पीयूष गोयल और केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने शिरकत की. केन्द्र सरकार के दो वरिष्ठ मंत्री मंच पर हों और नागरिकता कानून और उसको लेकर देश भर में चल रहे विरोध प्रदर्शनों की चर्चा न हो ऐसा हो ही नहीं सकता था. सत्र के दौरान नागरिकता कानून और उससे जुड़े तमाम मुद्दों पर विस्तार से चर्चा हुई. दोनों ही केन्द्रीय मंत्रियों ने बारी-बारी सरकार का पक्ष रखा और यह विश्वास दिलाया कि इस बिल से भारतीय नागरिकों का कोई नुकसान नहीं होने वाला, उन्हें डरने की जरूरत नहीं है.

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कश्मीर पहली बार 5 महीने शांत रहा: प्रकाश जावड़ेकर

विदेशी मीडिया में भारत की तस्वीर से जुड़े एक सवाल पर प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि एक लड़की की तस्वीर आई थी जो कूड़े में से खाना खा रही थी उसे कश्मीर का बताया गया था बाद में वह तस्वीर सीरिया की निकली. मीडिया के प्लेटफॉर्म पर मैं ज्यादा नहीं बोलना चाहता. भारतीय मीडिया ऐसा क्यों नहीं दिखा रहा. जन आदंलोन होता है. एक विषय पर अलग-अलग राय हो सकती है. मुझे एक मुस्लिम मित्र मिले उन्होंने अयोध्या विवाद को लेकर मोदी सरकार की प्रशंसा की. 370 हटने के बाद कश्मीर पहली बार 5 महीने शांत रहा.

भारत के लोगों से कुछ छीन नहीं रहे: पीयूष गोयल

नागरिकता कानून से जुड़े बिल की टाइमिंग को लेकर खड़े किए सवाल पर पीयूष गोयल ने कहा कि गृह मंत्री ने कई बार स्पष्ट किया है कि हम भारत के लोगों से कुछ छीन नहीं रहे. जो लोग प्रताड़ित हो रहे हैं कई सालों से उनको दे रहे हैं. विपक्षी पार्टियों ने लोगों को बरगलाकर प्रदर्शन करवाया है. जो लोग धर्म के आधार पर प्रताड़ित हुए क्या उन्हें पनाह नहीं देना चाहिए. जो उस देश की मेजॉरिटी है उसको तो वो देश संभालेगा. क्या हम सब अमेरिका या यूरोप जाकर वहां बस सकते हैं. हमने तो प्रताड़ित लोगों को पनाह दिया है. दुख होता है जब विपक्षी दल इसका राजनीतिकरण करते हैं.

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देश के नागरिकों को चिंता करने की जरूरत नहीं: जावड़ेकर

एनआरसी और कैब से जुड़े सवाल पर प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि राजीव गांधी असम एकॉर्ड किया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि असम में रजिस्टर बनना चाहिए. 19 लाख लोग जिनके पास कागज नहीं थे और जो रजिस्टर में नहीं थे उन्हें अपील का मौका मिला. 9 लाख अगर मुस्लिम थे तो करीब-करीब उतने ही हिन्दू भी हैं. जो अभी बिल आया है वह साफ करता है कि इस देश के नागरिकों को चिंता करने की जरूरत नहीं. जो अपने देश में धार्मिक रुप से प्रताड़ित हुए उनको शरण दे रहे.

अफगानिस्तान में भी हिन्दुओं पर अत्याचार हुआ: पीयूष गोयल

पीयूष गोयल ने कहा कि अफगानिस्तान में हिन्दुओं पर अत्याचार हुआ. दस्तावेज हैं कि कैसे महिलाओं और बच्चियों के साथ बलात्कार हुआ. तालिबान में अत्याचार हुआ. हम इस बिल से तीनों देशों में प्रताड़ित हुए लोगों को न्याय देने जा रहे हैं. हर देश के पास सीमित संसाधन होते हैं. सभी को आने नहीं दे सकते. जो लोग प्रताड़ित हुए उन्हें ही मौके दे सकते हैं.

जावड़ेकर ने पूछा सवाल- पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की संख्या क्यों घटी

इस दौरान प्रकाश जावड़ेकर ने सवाल उठाते हुए कहा कि पाकिस्तान और बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की संख्या घट गई बाकी लोगों की क्यों नहीं घटी. हमने पीड़ितों को पनाह देने की व्यवस्था की है. बांग्लादेश से बहुसंख्यक वर्ग भी आया वो उत्पीड़न की वजह से नहीं रोजगार के लिए आया. हम इस पर चर्चा करके कंफ्यूजन बढ़ा रहे हैं.

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जो मुस्लिम प्रताड़ित हैं वो अप्लाई करें: पीयूष गोयल

पड़ोसी देशों में प्रताड़ित मुस्लिमों से जुड़े सवाल पर पीयूष गोयल ने कहा कि जिन बहुसंख्यक वर्ग को प्रताड़ित किया जा रहा है वो अप्लाई करें उनकी बात सुनी जा रही है. कई लोगों को नागरिकता मिल भी रही है. पूरी दुनिया में ऐसा ही होता है भारत कोई अकेला नहीं है. अमेरिका में हमारे बच्चे पैसा खर्च करके वहां पढ़ाई करते हैं फिर भी वो उन्हें नागरिकता नहीं देते वीजा देते हैं उसके भी नियम कड़े कर रहे हैं. मुझे लगता है कि मीडिया की भी जिम्मेदारी बनती है. हम जवाब देने को कभी न नहीं कहते हैं. हमेशा तैयार रहते हैं.

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