
कोरोना महामारी और लॉकडाउन के बीच आज तक अपनी ई-एजेंडा कार्यक्रम की तीसरी कड़ी जान भी जहान भी लेकर आया है. आज तक के इस विशेष कार्यक्रम में मोदी सरकार के 17 मंत्रियों ने शिरकत की और वर्तमान में कोरोना से जो परिस्थितियां बदली हैं उन पर चर्चा की और सरकार का एक्शन प्लान साझा किया. उपभोक्ता मामले एवं खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री रामविलास पासवान ने भी इस दौरान अपनी बात रखी.
कोरोना काल में सार्वजनिक राशन वितरण प्रणाली (पीडीएस) व्यवस्था को लेकर केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने कहा कि हमारे पास जो स्टॉक है एफसीआई के पास उसमें कोई कमी नहीं है. योजना के लिए हमें 104.4 लाख मीट्रिक टन चावल और 15.6 लाख मीट्रिक टन गेहूं की आवश्यकता होती है. हमारे पास स्टॉक की बात करें तो अभी 641.26 लाख मिलियन टन अनाज है. जिसमें से 275 लाख मिलियन टन चावल 365 लाख मिलियन टन गेहूं है. इस बार को जो फसल हुई है वो भी काफी बेहतर है. कुल मिलाकर 6 मई के आंकड़ों के मुताबिक अब तक 226 लाख टन गेहूं की खरीद हो चुका है. और चावल 429 लाख टन खरीदा गया है. अब दोनों को अगर मिला दें तो साढ़े 6 लाख टन अलग से हमारा है.
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पासवान ने आगे कहा कि अभी दिक्कत है कि जो नीचे में फूड सिक्योरिटी एक्ट के तहत जो फेयर प्राइस शॉप हैं या जो डीलर हैं इसका चयन हम लोग नहीं करते हैं. इसका चयन राज्य सरकारें करती हैं. राज्य सरकार ही ये चयन करती है कि लाभार्थी कौन होगा. यदि कहीं घटिया किस्म का चावल मिल रहा है तो उसको भी हम राज्य सरकार की जानकारी में लाते हैं, वो भी देखते-पढ़ते रहते हैं.
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आजतक के ई-एजेंडा कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री पासवान ने कहा कि जहां तक 81 करोड़ लाभार्थियों को खाद्यान्न देने का सवाल है तो उसके लिए हमारे पास फिलहाल दो-डेढ़ साल के लिए एक्स्ट्रा अनाज है. अब मान लीजिए कि जो फूड सिक्योरिटी एक्ट है उसके तहत जो हम अनाज देंगे वो 2021 में जो नई जनगणना होगी उसके मुताबिक उसमें फिर से संशोधन होगा.
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निचले तबके तक अनाज ना पहुंच पाने की समस्या और राहुल गांधी एवं अभिजीत बनर्जी की आधार कार्ड के जरिए राशन उपलब्ध कराने की सलाह को लेकर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अगर कोई यह कहता है कि आधार कार्ड के जरिए राशन उपलब्ध कराया जाए तो वो सही नहीं बोल रहे हैं. हमने आधार कार्ड को कभी अनिवार्य नहीं रखा क्योंकि हमारे यहां जो राशन कार्ड का आधार कार्ड से लिंक होता है वो 7 करोड़ लोगों के लिए हो चुका है. और अब वन नेशन वन कार्ड के तहत कहीं भी जाकर राशन ले सकता है.
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