
यूरोपीय संघ के चुनावों में धुर दक्षिणपंथी दलों ने परंपरागत पार्टियों को बड़ा झटका दिया, फिर चाहे वो फ्रांस हो, या जर्मनी. इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी क दल बड़ी जीत हासिल करते हुए किंगमेकर की स्थिति में पहुंच गया. मेलोनी अब अपने देश के अलावा यूरोपियन संसद की भी बड़ी नेता होंगी. लेकिन क्या अंतर है यूरोपियन संसद और यूरोपीय देशों की अपनी-अपनी संसद में. किसके पास, कितनी ताकत होती है?
क्या है ईयू संसद
यह दुनिया की अकेली सीधी चुनी हुई इंटरनेशनल सभा है. इसमें संसद के सदस्य यूरोपीय संघ के नागरिकों के हितों की बात करते हैं. पहले ये केवल एक सुझाव देने वाली संस्था थी, जो यूरोपियन यूनियन के फायदे की बात कहती. देश इसे मानें या न मानें, उनकी मर्जी. लेकिन अब इसके पास काफी शक्तियां आ चुकी हैं. यूरोपीय संसद यूरोपियन यूनियन का अकेला अंग है, जिसके मेंबर्स को सीधे यूरोप की जनता चुनती है. ये पांच सालों के लिए होता है, वहीं इसका स्पीकर ढाई साल बाद बदल जाता है.
क्या-क्या काम इसके हिस्से
- मेंबर ऑफ यूरोपियन यूनियन (एमईपी) सदस्य देशों की सरकारों के साथ मिलकर नए-नए कानून बनाते हैं.
- वे ग्लोबल मुद्दों पर फैसला लेते हैं, जैसे क्लाइमेट चेंज और रिफ्यूजी पॉलिसी.
- संसद यूरोपियन काउंसिल के साथ मिलकर ईयू का बजट तय करती है.
किस देश के पास है कितना प्रतिनिधित्व
ईयू में 27 सदस्य देश हैं. 705 सीटों के लिए इनका बंटवारा आबादी के आधार पर होता है. जिन देशों की जनसंख्या ज्यादा है, उनके प्रतिनिधि भी ज्यादा होंगे. जैसे इस बार जर्मनी के सबसे ज्यादा 96 प्रतिनिधि हैं, जबकि फ्रांस के 81. किसी भी देश के 6 से कम प्रतिनिधि नहीं हो सकते, चाहे उसका साइज कुछ भी हो. अगली संसद में बढ़ी हुई आबादी के हिसाब से 720 या इससे ज्यादा सीटें भी हो सकती हैं.
निर्दलीय भी हो सकते हैं शामिल
देशों की तरह ही ईयू संसद में निर्दलीय उम्मीदवार भी हिस्सा ले सकते हैं, लेकिन इसके लिए उन्हें अपने देश में नामांकन पत्र के साथ कुछ तय समर्थन जुटाना होता है. अलग-अलग देश में ये अलग है, जैसे जर्मनी में एक स्वतंत्र उम्मीदवार को अपने समर्थन में 4 हजार हस्ताक्षर जमा करने होते हैं, जबकि फ्रांस में यह संख्या 30 हजार तक हो सकती है.
फिलहाल कौन सी पार्टियां हैं ईयू संसद में
- यूरोपीय पीपल्स पार्टी, जो सेंटर-राइट विंग और कैथोलिक ग्रुप्स से बना है.
- प्रोग्रेसिव एलायंस ऑफ सोशलिस्ट्स एंड डेमोक्रेट्स जो कि गठबंधन है.
- एलायंस ऑफ लिबरल्स एंड डेमोक्रेट्स फॉर यूरोप य द ग्रीन्स, जिसमें पर्यावरण की बात होती है.
- आईडी, जो कि दक्षिणपंथी और राष्ट्रवादी पार्टियों से मिलकर बना है.
- एनजीएल समूह वामपंथ और समाजवादी पार्टियों से मिलकर बना है.
सदस्य देशों की संसद कैसे है ईयू से अलग
यूरोपियन संसद वैसे तो ग्लोबल मुद्दों पर सदस्य देशों को एक साथ रखने का काम करता है, लेकिन स्टेट्स के मामले में उसके पास खास अधिकार नहीं. लीक से अलग चलने पर वो केवल समझाइश दे सकता है. आसान भाषा में समझें तो यूरोपियन संसद उस अभिभावक की तरह है, जो अपने एडल्ट बच्चे यानी सदस्य देश को सलाह तो दे सकता है लेकिन जबर्दस्ती नहीं कर सकता.
अब बात करते हैं सदस्य देशों की संसद की तो ईयू के लिए जहां इंटरनेशनल स्तर के इलेक्शन होते हैं, वहीं सदस्य देशों की संसदें राष्ट्रीय स्तर पर चुनी जाती हैं, जिसमें केवल वहां के नागरिक ही हिस्सा लेते हैं.
पॉलिसी बनाने-बदलने का अधिकार देशों के पास
यूरोपीय देशों की संसदें राष्ट्रीय कानून बनाती और उसे अपने यहां लागू करती हैं. उनके पास शिक्षा, स्वास्थ्य, परिवहन, और राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे बड़े मुद्दे होते हैं. वहीं ईयू पार्लियामेंट का काम का एरिया सीमित होता है.
दोनों के ही सांसदों के अधिकार भी बदल जाते हैं. सदस्य देशों के नागरिकों द्वारा सीधे चुने गए सांसद राष्ट्रीय मुद्दों पर कहीं ज्यादा ताकत रखते हैं. वे अपने यहां की पॉलिसीज को शेप देते हैं.
अपराधी सांसद को सजा भी देश के कानून के मुताबिक
देश का सांसद अलग चुनकर ईयू में भी आए और उस दौरान उससे कोई गंभीर अपराध हो जाए, जिसमें दोष भी साबित हो जाए तो देश के कानून के तहत ही कार्रवाई होती है. ईयू पार्लियामेंट केवल उसे पद से हटा सकती है, लीगल एक्शन लेने का अधिकार उसके पास नहीं. मेंबर ऑफ यूरोपियन पार्लियामेंट के हटने के बाद उसकी जगह कोई दूसरा सदस्य ले लेता है, जिसे उसके बाद सबसे ज्यादा वोट मिले हों.