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9/11 Attack: 4 पत्नियों-8 बच्चों के सूखते कपड़ों की वजह से पकड़ा गया था ओसामा बिन लादेन, ऑपरेशन एबटाबाद की Inside story

अमेरिकी खुफिया एजेंसी CIA को पाकिस्तान में एक बंगले का पता लगा, जहां कई चीजें काफी अलग थीं. घर में खिड़कियां तो थीं, लेकिन बंद रहतीं. चारों तरफ ऊंची दीवारें मकान को ऐसे घेरे हुए थीं, जैसा जेल में भी न होता हो. लेकिन शक की असल वजह था, वहां जरूरत से ज्यादा कपड़ों का सूखना. इंटेलिजेंस ने घर पर नजर रखना शुरू कर दिया.

अलकायदा आतंकी ओसामा बिन लादेन (Photo- Getty Images) अलकायदा आतंकी ओसामा बिन लादेन (Photo- Getty Images)
aajtak.in
  • नई दिल्ली ,
  • 11 सितंबर 2023,
  • अपडेटेड 12:56 PM IST

आज के दिन अलकायदा के सरगना ओसामा बिन लादेन ने अमेरिका के खिलाफ सबसे बड़ी साजिश को अंजाम दिया. इस दिन न्यूयार्क के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हमला किया गया, जिसमें 3 हजार से ज्यादा लोग मारे गए. ब्लास्ट इतना भयानक था कि सैकड़ों लाशों का कुछ पता तक नहीं लग सका. इसके बाद से ही पूरा अमेरिका लादेन की खोज में लग गया. अलकायदा चीफ पर थोड़े-बहुत नहीं, ढाई करोड़ डॉलर का इनाम रखा गया. लादेन को पकड़ना अमेरिकी सरकार के लिए अपने लोगों की मौत का बदला ही नहीं, बल्कि अपनी नाक का भी सवाल था. 

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दुनिया के सबसे खूंखार आतंकी ने भी कच्ची गोलियां नहीं खेली थीं. वो साल 2001 से लगातार बचता रहा. यहां तक कि इस बीच उसने एक नई शादी भी कर ली. अमेरिकी इंटेलिजेंस को ये तो पता था कि लादेन पाकिस्तान में कहीं है. कई बार उसे पकड़ने की कोशिश भी हुई, लेकिन हर बार वो बचकर निकल जाता. 

इस बीच CIA को एक बड़ी सूचना मिली. खुद पाकिस्तान के ही एक खबरी ने बताया कि उसने पेशावर के बाजार में एक शख्स को देखा, जिसका हुलिया लादेन के भरोसेमंद बॉडीगार्ड से मिलता है. अमेरिका तुरंत एक्शन में आ गया. आनन-फानन बहुत से लोग कथित बॉडीगार्ड के पीछे लगा दिए गया. वो जिस घर के भीतर जाकर गायब हुआ, वो एबटाबाद शहर में था. 

घर वहां बने बाकी मकानों से ज्यादा बड़ा और आलीशान था, लेकिन एक बात काफी अलग थी. वहां कुछ भी खुला हुआ नहीं था. लगभग 18 फुट ऊंची कांटेदार दीवार मकान को घेरे हुए थी. यही वो जगह थी, जहां लादेन अपनी 4 पत्नियों, 8 छोटे बच्चों और 4 पोते-पोतियों के साथ रहता था. 

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क्या अलग था प्रॉपर्टी में

आसपास लगभग हर घर में टेलीफोन लाइन या इंटरनेट था, लेकिन इस मकान में कुछ भी नहीं था. घर जितना आलीशान बाहर से दिखता था, उससे साफ था कि वहां रहने वाले ये तो अफोर्ड कर सकते हैं, लेकिन किसी वजह से रुके हुए हैं. घर की खिड़कियां या तो बंद रहती थीं, या उनपर मोटा-गहरे रंग का परदा पड़ा रहता. 

चौबीसों घंटे होने लगी निगरानी

एजेंसी ने घर के पास ही एक सेफ हाउस लिया और वहां से चौबीसों घंटे संदिग्ध मकान पर नजर रखी जाने लगी. इसी दौरान एक बेहद अजीब बात दिखी. बाकी घरवाले अपना रोज का कचरा डस्टबिन में डालते, जबकि उस घर के रहने वाले कभी कचरा पब्लिक डस्टबिन में नहीं डालते, बल्कि जलाते थे. 

एक्स्ट्रा कपड़े सूखा करते थे

CIA ने तभी एक और चीज पर गौर किया. घर में बॉडीगार्ड रहता था, लेकिन वहां के आंगन में महिलाओं और छोटे बच्चों के ढेर के ढेर कपड़े सूखा करते. यहां तक कि कई बार देर रात बच्चों के रोने की भी आवाज आती. CIA के तत्कालीन डायरेक्टर लिओन पेनेटा ने बाद में शक जताया कि बच्चों को शायद दिनभर अफीम या किसी तरह का नशा दिया जाता रहा होगा ताकि अड़ोसी-पड़ोसी या किसी को भी शक न हो. 

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माना जाता है लादेन को पकड़वाने में सबसे बड़ी चुगली सूखते हुए कपड़ों ने की. इसमें दो पुरुषों के अलावा कई महिलाओं और बहुत से बच्चों के कपड़ों की जोड़ियां सूखती. बॉडीगार्ड का पीछा करने पर ये भी पता लगा कि वो लगातार डायपर के पैक लाया करता था. नेशनल सिक्योरिटी एनालिस्ट पीटर  बर्जन ने अपनी किताब- द राइस एंड फॉल ऑफ ओसामा बिन लादेन में इस बात का जिक्र किया है. 

लादेन का मकान बाकी सारे घरों से अलग था. सांकेतिक फोटो (Unsplash)

जल्द ही उस मकान में कुछ वैक्सीन लगाने वाले पहुंचे. बच्चों की वैक्सीन के बहाने से लोग गए थे. चूंकि दरवाजा न खोलना शक पैदा कर सकता था, लिहाजा बहुत यकीन के साथ वहां के बॉडीगार्ड ने लोगों को अटेंड किया. वैक्सीन की आड़ में लोगों के DNA सैंपल लिए गए. इससे पक्का हो गया कि घर में लादेन समेत उसकी पत्नियां और बच्चे जरूर छिपे हुए हैं. इसके बाद ही अमेरिका ने बेहद गोपनीय ढंग से ऑपरेशन तैयार किया और लादेन की मौत को अंजाम दिया. 

वैसे लॉन्ड्री की वजह से शक जैसी बातें अमेरिकी नैरेटिव है. कई देश कुछ और बातें भी कहते हैं. जैसे ISIS ने खुद लादेन को पनाह दी थी, लेकिन बाद अमेरिका से पैसे खाकर उसने ही आतंकी के वहां होने की खबर दी. उसने उस घर से अपनी सारी सुरक्षा चुपके से हटा दी और आसपास के इलाके को भी खाली करा दिया ताकि ऑपरेशन के दौरान अफरातफरी न मचे. इसके बाद जो हुआ, वो पूरी दुनिया जानती है. 2 मई 2011 को ओसामा की मौत के साथ ही अमेरिका ने अपनी तबाही का बदला ले लिया.

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