दिल्ली चुनाव से एक दिन पहले सोशल मीडिया पर एक लेटर के जरिए कहा जा रहा है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने पश्चिमी दिल्ली से ‘इंडिया’ गठबंधन के उम्मीदवार और ‘आप’ नेता महाबल मिश्रा को समर्थन देने का ऐलान किया है.
आरएसएस के लेटरहेड पर छपी इस ‘प्रेस विज्ञप्ति’ में स्वयंसेवकों को सूचित करते हुए लिखा है कि महाबल मिश्रा 42 सालों से अयोध्या में तन-मन-धन से प्रभु राम की सेवा करते आ रहे हैं. उनका राम के लिए किया गया काम अमूल्य है. इसके मद्देनजर, विज्ञप्ति में स्वयंसेवकों से आह्वान किया गया है कि वो महाबल मिश्रा को समर्थन दें.
फेसबुक पर ये लेटर काफी वायरल हो रहा है. इसे सच मानते हुए लोग कैप्शन में लिख रहे हैं, “आरएसएस लोकसभा चुनाव दिल्ली राज्य में आम आदमी पार्टी को दिया पूर्ण समर्थन. 25 तारीख को संघ के सभी कार्यकर्ता झाड़ू वाला बटन दबायेंगे.”
बता दें कि दिल्ली की सभी सीटों पर 25 मई को चुनाव होने हैं. पश्चिमी दिल्ली से महाबल मिश्रा के खिलाफ बीजेपी की कमलजीत सहरावत चुनाव लड़ रही हैं.
आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि आरएसएस ने ऐसा कोई लेटर जारी नहीं किया है. ये पूरी तरह से फर्जी है.
इस लेटर को ध्यान से पढ़ने पर हमें इसमें शब्दों की कई गलतियां मिलीं. सबसे बड़ी गलती तो ये कि पत्र में कई जगह स्वयंसेवक का ‘स्वयं’ ही गलत लिखा है. इसके अलावा लेटर में ‘प्रेस विज्ञप्ति’ भी गलत लिखा है. ऐसा होना मुश्किल है कि आरएसएस कोई लेटर जारी करे और उसमें इतनी गलतियां हों, खासकर अपना नाम लिखने में.
ये लेटर डॉ मनमोहन वैद्य के नाम से जारी किया गया है, जिन्हें इसमें आरएसएस का अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख बताया गया है. खोजने पर पता चला कि मनमोहन वैद्य अभी नहीं काफी समय पहले आरएसएस के प्रचार प्रमुख थे. फिलहाल इस पद को सुनील आंबेकर संभाल रहे हैं.
इन दोनों सबूतों से हमें इस लेटर के फर्जी होने का शक हुआ. हमें ऐसी कोई खबर भी नहीं मिली जिसमें बताया गया हो कि आरएसएस ने महाबल मिश्रा को समर्थन देने की बात कही है. अगर आरएसएस, बीजेपी के बजाए ‘आप’ उम्मीदवार को समर्थन देने का ऐलान वाकई करती तो ये एक बहुत बड़ी खबर बनती.
कुछ खबरों में बताया गया है कि दिल्ली प्रांत कार्यवाहक अनिल गुप्ता ने इस लेटर का खंडन करते हुए एक प्रेस रिलीज जारी की है. इसमें लिखा है कि संघ 100 प्रतिशत मतदान करने को प्रोत्साहित करता है. लेकिन किसी व्यक्ति या पार्टी के समर्थन या विरोध के लिए कोई सार्वजनिक पत्र या अपील जारी नहीं करता.
इस बारे में हमने भी अनिल गुप्ता से बात की. उन्होंने भी हमें यही बताया कि आरएसएस वायरल लेटर को लेकर प्रेस रिलीज जारी कर चुका है. आरएसएस से जुड़ी जानकारियां साझा करने वाली मीडिया संस्था ‘विश्व संवाद केंद्र भारत’ ने भी इस लेटर को फेक बताया है.