दिल्ली की जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) में स्टूडेंट्स के साथ हिंसा की तस्वीरें और वीडियो जहां सामने आ रहे हैं वहीं सोशल मीडिया पर एक पुरानी तस्वीर वायरल हो रही है.
तस्वीर में एक महिला सहित कुछ लोग खून में सने नजर आ रहे हैं. दावा किया जा रहा है कि यह तस्वीर जेएनयू की है. 5 जनवरी को जेएनयू में घुस कर कुछ नकाबपोश लोगों ने हमला बोल दिया था.
इंडिया टुडे के एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पड़ताल में पाया कि वायरल हो रही तस्वीर पश्चिम एशियाई देश लेबनान में निकाले गए मुहर्रम के जुलूस की है.
पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.
सोशल मीडिया यूजर Asif Niazi ने यह तस्वीर पोस्ट की जिस पर लिखा है: "गोरे अंग्रेजों से भी जयादा अत्याचार तो काले अंग्रेज कर रहे हैं #घटना #JNU मैं सलाम करता हूं इस महान क्रांतिकारी बहन को जो युवाओं के कंधे से कंधा मिलाकर बराबर लड़ रही हैं, क्रांतिकारी जय मूलनिवासी आवाज दो हम एक हैं." तस्वीर के साथ कैप्शन में लिखा गया है: "तुम गोली चलाओ तुम पुलिस बुलाओ हम हिंदू मुस्लिम का साथ लेकर चलेंगे अब मिलकर लड़ेंगे."
तस्वीर को रिवर्स सर्च करने पर हमें Jafariya news नामक वेबसाइट पर एक आर्टिकल मिला जिसमें इस तस्वीर का इस्तेमाल किया गया था. 20 फरवरी 2005 को अपडेट किए गए इस आर्टिकल के अनुसार तस्वीर लेबनान की है जहां आशूरा (मुहर्रम का दसवां दिन) का जुलूस निकाला जा रहा था.
यह तस्वीर कुछ समय पहले कश्मीर की बता कर वायरल हुई थी, उस समय आजतक ने ही इस तस्वीर का सच सामने रखा था. पड़ताल में साफ हुआ कि वायरल तस्वीर का जेएनयू से कोई लेना देना नहीं है यह तस्वीर लेबनान की है और काफी पुरानी है.