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डूबते बिहार के बीच ये 25 जिले सूखे की चपेट में

बिहार इस साल बाढ़ और सुखाड़ दोनों आपदा एक साथ झेल रहा है. वैसे बहु आपदा प्रवण राज्य बिहार कमोवेश प्रत्येक साल बाढ़ और सुखाड़ की मार झेलता है. जिससे संसाधन की भारी क्षति होती है. लेकिन इस साल स्थिति भयावह है.

राज्य सरकार ने केंद्र से मांगी मदद राज्य सरकार ने केंद्र से मांगी मदद
सुजीत झा
  • पटना,
  • 27 अगस्त 2016,
  • अपडेटेड 12:25 AM IST

बिहार इस साल बाढ़ और सुखाड़ दोनों आपदा एक साथ झेल रहा है. वैसे बहु आपदा प्रवण राज्य बिहार कमोवेश प्रत्येक साल बाढ़ और सुखाड़ की मार झेलता है. जिससे संसाधन की भारी क्षति होती है. लेकिन इस साल स्थिति भयावह है.

इस साल भी लगभग बिहार के 28 जिले बाढ़ से और 25 जिले सुखाड़ की मार झेल रहा है. ये अनुमान लगाया जा रहा है कि बाढ़ और सूखे के कारण सूबे के किसानों को अरबों का नुकसान हुआ है. बाढ़ के कारण करीब 3.8 लाख हेक्टेयर जमीन में लगी फसल बर्बाद हो गई तो करीब दो लाख हेक्टेयर जमीन में सूखे के कारण कोई भी फसल नहीं लगाया जा सका. बिहार के किसानों को केवल धान का उत्पादन कम होने से करीब 11 अरब से अधिक की क्षति हुई है.

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बिहार के 25 जिलों के 166 प्रखंडों में 40 फीसदी या फिर उससे भी कम बारिश हुई है. सरकार ने 25 जिलों के 166 प्रखंडों की वास्तविक जानाकारी वहां के जिलाधिकारी से मांगी है, उसके बाद ये उम्मीद व्यक्त की जा रही है कि रिपोर्ट का आंकलन करने के बाद इन जिलों को सुखाग्रस्त घोषित कर सकती है. बिहार सरकार के मुख्य सचिव और आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव की मौजूदगी में आपदा प्रबंधन समूह की बैठक में बिहार में उत्पन्न सूखे पर विस्तार से चर्चा हुई.

आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव व्यास जी के अनुसार सूबे में अबतक 18 फीसदी कम बारिश हुई है. उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी से रिपोर्ट आने के बाद आपदा प्रबंधन विभाग सुखाड़ घोषित करने के लिए सरकार को अनुशंसा भेजेगी. आपदा प्रबंधन विभाग के प्रस्ताव पर कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद राज्य सरकार केन्द्र को ज्ञापन भेजकर स्थिति का आंकलन करने के लिए टीम भेजने का आग्रह करेगी, ताकि बिहार को राष्ट्रीय आपदा कोष से सहायता मिल सके. व्यास जी ने कहा कि ये सरकार के उपर है कि वो या तो प्रखंड को या फिर पूरे जिले को सूखाग्रस्त क्षेत्र घोषित कर सकती है.

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करीब 25 जिले सूखे की चपेट में हैं. जिसमें अररिया, बांका, बेगुसराय, भोजपुर, दरभंगा, पूर्वी चंपारण, गोपालगंज, कटिहार, खगड़िया, मधेपुरा, मधुबनी, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नवादा, पटना, पूर्णिया, सहरसा, समस्तीपुर, सारण, शिवहर, सीतामढ़ी, सीवान, सुपौल, वैशाली और पश्चिमी चंपारण हैं.

बिहार में खेती का हाल:-
34 लाख हेक्टेयर में लगाया जाना था धान.
32 लाख हेक्टेयर में ही लगाया जा सका धान.
4.7 लाख हेक्टेयर में होनी थी मक्का की बुआई.
4.3 लाख हेक्टेयर में हो सकी मक्का की बुआई.
3.8 लाख हेक्टेयर फसल बाढ़ के कारण बर्बाद हो गई.

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