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उच्चतम न्यायालय द्वारा अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति कानून को शिथिल बनाने के बाद देश में दलित आरक्षण को लेकर मचे बवाल के बीच बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि इस धरती पर कोई भी व्यक्ति देश की आरक्षण व्यवस्था को समाप्त नहीं कर सकता है.
जेडीयू द्वारा आयोजित संविधान के निर्माता बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की 127वीं जयंती के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि देश में जो आरक्षण की व्यवस्था लागू है उससे छेड़छाड़ करने का हक किसी को भी नहीं है. नीतीश ने चेताया कि अगर आरक्षण व्यवस्था के साथ छेड़छाड़ करने की कोशिश कोई भी व्यक्ति करता है तो वह उस में सफल नहीं हो पाएगा.
इस मौके पर नीतीश कुमार ने आरजेडी और कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा और आरोप लगाया कि यह पार्टियां दलितों के झूठे हितैषी बन रहे हैं. नीतीश ने कहा कि जब 2001 में आरजेडी और कांग्रेस की सरकार बिहार में थी और प्रदेश में पहली बार पंचायत चुनाव हुए तो आखिर क्यों विभिन्न दलों ने चुनाव में आरक्षण की व्यवस्था नहीं की.
नीतीश ने कहा कि उन्होंने जब 2005 में बिहार की कमान संभाली तो सबसे पहले उन्होंने पंचायत चुनाव में आरक्षण की व्यवस्था लागू की. आरजेडी और कांग्रेस द्वारा नीतीश कुमार को दलित विरोधी बताया जाने की बात को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें किसी से भी कोई सर्टिफिकेट लेने की जरूरत नहीं है और उनका काम ही सब कुछ बोलता है.
इसी दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि राजनीति में भूचाल और तूफान आते रहते हैं मगर उससे वह घबराने वाले नहीं हैं. बिहार में पिछले दिनों हुई सांप्रदायिक हिंसा की घटनाओं का जिक्र करते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन में भ्रष्टाचार, अपराध और सांप्रदायिक सौहार्द से कभी समझौता ना किया है ना आगे करेंगे चाहे इसके लिए उनकी कुर्सी क्यों ना चली जाए.
नीतीश ने कहा कि वह राजनीति में जनसेवा के लिए आए हैं ना कि सत्ता पाने के लिए. नीतीश ने कहा कि कुछ असामाजिक तत्व बिहार में सांप्रदायिक सौहार्द के माहौल को बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं मगर वह उस में सफल नहीं होंगे.