
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को आगाह किया है कि वह नालंदा विश्वविद्यालय की स्वायत्तता और सोच के साथ छेड़छाड़ ना करें. दरअसल नीतीश कुमार इस बात से काफी नाराज है जिस तरीके से नालंदा विश्वविद्यालय के कुलाधिपति जॉर्ज यो को नवंबर के आखिरी सप्ताह में विश्वविद्यालय में केंद्र सरकार की बढ़ती दखलंदाजी से परेशान होकर इस्तीफा देना पड़ा.
कुलाधिपति ने लगाया आरोप
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को अपना इस्तीफा सौंपते हुए नालंदा विश्वविद्यालय के कुलाधिपति ने आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी सरकार नालंदा विश्वविद्यालय की स्वायत्तता के साथ छेड़छाड़ कर रही है. इसे लेकर नीतीश कुमार ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को एक पत्र भी लिखा है. 'जिस तरीके से नालंदा विश्वविद्यालय के पुराने गवर्निंग बोर्ड को भंग करके नया गवर्निंग बोर्ड बना दिया और इसे लेकर नालंदा विश्वविद्यालय के कुलाधिपति से विचार विमर्श भी नहीं किया गया, यह काफी चिंतनीय है और नालंदा विश्वविद्यालय की स्वायत्तता पर सवाल उठाता है.'
नीतीश ने लिखा पत्र
नीतीश कुमार ने इस बात की चिंता भी जताई जिस तरीके से नालंदा विश्वविद्यालय से जुड़े हुए तमाम लोगों से कोई बड़ा फैसला लिए जाने पर उनकी राय तक नहीं ली जा रही है. 'नालंदा विश्वविद्यालय जिस दिशा में जा रहा है उसे लेकर इस विश्वविद्यालय से जुड़े तमाम लोग काफी चिंतित हैं. नालंदा विश्वविद्यालय अभी अपने बालापन में है और इस विश्वविद्यालय के प्रगति के लिए जरूरी है उन तमाम लोगों की राय ली जाए जो इस विश्वविद्यालय से जुड़े हुए हैं.'
नालंदा विश्वविद्यालय के साथ हो रही है छेड़छाड़
बिहार के मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस तरीके से नालंदा विश्वविद्यालय को चलाया जा रहा है उससे ऐसा लगता है मानो नालंदा विश्वविद्यालय की सोच के साथ ही छेड़छाड़ हो रही है. मंत्री सुषमा स्वराज को नीतीश ने दो टूक पत्र में लिखा कि नालंदा विश्वविद्यालय तभी प्रगति कर पाएगा जब विश्वविद्यालय स्वायत्त हो और उसकी स्वायत्तता बरकरार रहे.