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पटना के महाभोज से भी नहीं बनी बात, एनडीए में मतभेद रहे बरकरार

NDA के भोज में भाजपा और उसके सहयोगी दल के बड़े नेताओं समेत सभी दलों के अधिकतर विधायक, राज्य सरकार के मंत्री और सभी दलों के जिलाध्यक्ष शामिल हुए.

भोज से केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा नदारद रहे भोज से केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा नदारद रहे
रणविजय सिंह/रोहित कुमार सिंह
  • पटना,
  • 07 जून 2018,
  • अपडेटेड 11:54 PM IST

2019 लोकसभा चुनाव से पहले बिहार एनडीए में पैदा हुए टकराव की स्थिति को शांत करने के लिए गुरुवार की शाम एक भोज का आयोजन किया गया जिसमें एनडीए के कई बड़े नेता शामिल हुए. जेडीयू के तरफ से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, पूर्व मंत्री श्याम रजक, भाजपा की तरफ से उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद, केंद्रीय मंत्री रामकृपाल यादव, केंद्रीय मंत्री राधामोहन सिंह और सांसद भूपेंद्र यादव, लोक जनशक्ति पार्टी के तरफ से केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान, सांसद चिराग पासवान, सांसद रामचंद्र पासवान तथा राष्ट्रीय लोक समता पार्टी की तरफ से पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष नागमणि शामिल हुए.

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NDA के भोज में भाजपा और उसके सहयोगी दल के बड़े नेताओं समेत सभी दलों के अधिकतर विधायक, राज्य सरकार के मंत्री और सभी दलों के जिलाध्यक्ष शामिल हुए.

गौर करने वाली बात है कि NDA के इस भोज से केंद्रीय मंत्री और राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा नदारद रहे. माना जा रहा है कि एनडीए में नीतीश कुमार की वापसी के बाद गठबंधन में उपेंद्र कुशवाहा को उतनी तरजीह नहीं दी जा रही है जिसको लेकर वह नाराज हैं.

इस बैठक की शुरुआत से पहले ही पिछले 2 दिनों से लोकसभा चुनाव को लेकर भाजपा गठबंधन का चेहरा और सीटों के तालमेल को लेकर सभी पार्टियां बयानबाजी कर रही थी. उम्मीद की जा रही थी कि भोजन के टेबल पर जब सभी दलों के नेता मिलेंगे तो आपसी मतभेदों को भुलाकर सभी गिले-शिकवे दूर कर लिए जाएंगे. लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ, हुआ तो सिर्फ भोजन और सिर्फ भोजन.

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भोज के दौरान आजतक से बातचीत करते हुए जदयू के वरिष्ठ नेता श्याम रजक ने अपनी पार्टी की 40 में से 25 सीटों पर चुनाव लड़ने की दावेदारी को एक बार फिर से दोहराया. श्याम रजक ने कहा कि जदयू की 25 सीट की मांग भीख नहीं बल्कि उनका हक है.

वहीं, दूसरी तरफ लोक जनशक्ति पार्टी के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष चिराग पासवान ने भी सीटों को लेकर अपनी पार्टी की दावेदारी पेश कर दी. चिराग पासवान ने कहा कि पिछले बार लोक जनशक्ति पार्टी को 7 सीटें लड़ने को मिली थी और इस बार उससे कम पर वह मानने को तैयार नहीं है. चिराग पासवान ने जदयू के द्वारा नीतीश कुमार को लोकसभा चुनाव के दौरान बिहार में गठबंधन का चेहरे के रूप में पेश करने के फैसले पर भी ऐतराज़ दर्ज किया. चिराग ने कहा कि लोकसभा चुनाव प्रधानमंत्री चुनने के लिए होता है और इसी वजह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही बिहार में गठबंधन का चेहरा होंगे जिनके नाम पर वोट मांगा जाएगा.

जदयू से नाराज राष्ट्रीय लोक जनता पार्टी ने भी भोज से पहले ही अपने इरादे स्पष्ट कर दिए थे और लोकसभा में 9 सीटों पर चुनाव लड़ने की दावेदारी पेश की थी. भोज के बाद आजतक से बातचीत करते हुए राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष नागमणि ने कहा कि इस भोज में उन्हें आकर निराशा हाथ लगी.

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नागमणि ने कहा कि उन्हें उम्मीद थी कि भोज के दौरान गठबंधन में उठे संकट और सीटों के तालमेल को लेकर कुछ बात होगी मगर ऐसा कुछ भी नहीं हुआ. नागमणि ने भी अपनी पार्टी के तरफ से नीतीश कुमार के चेहरे को आगे करके लोकसभा चुनाव लड़ने की जदयू के फैसले को सिरे से खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि बिहार में उपेंद्र कुशवाहा नीतीश कुमार से ज्यादा बड़े नेता है क्योंकि उनका जनाधार उनसे कई गुना ज्यादा है. नागमणि ने कहा कि एनडीए गठबंधन को लोकसभा चुनाव उपेंद्र कुशवाहा के चेहरे को आगे करके लड़ना चाहिए.

गठबंधन के सहयोगियों के आपसी खींचतान के बीच भाजपा इस पूरे भोज के दौरान यह संदेश देने में जुटी रही कि गठबंधन में सब कुछ ठीक-ठाक है. केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि NDA गठबंधन पूरी तरीके से एकजुट है और उसमें कोई भी टकराव की स्थिति नहीं है.

मतलब पूरी तरीके से साफ है, भोज के बहाने एनडीए के सभी बड़े नेता एक साथ एक मंच पर तो जरूर दिखे लेकिन उनके दिल नहीं मिल रहे थे. दिलचस्प बात यह है कि यह तो अभी सिर्फ ट्रेलर है, पूरी फिल्म अभी बाकी है.

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