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विपक्ष बोला, NRC पर नीतीश कुमार का इफ-बट पैंतरा, करेंगे कॉम्प्रोमाइज

एनआरसी को लेकर जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार के आए बयान से विपक्षी दल सकते में है. हाल तक जेडीयू के प्रवक्ता बिहार में एनआरसी लागू नहीं होने का बयान देते रहे हैं, लेकिन अब नीतीश कुमार ने कहा कि इस पर पार्टी के अंदर विचार विमर्श चल रहा है, पार्टी किसी नतीजे पर पहुंचेगी उसके बाद ही स्टैंड क्लियर होगा.

नीतीश कुमार (Photo- PTI) नीतीश कुमार (Photo- PTI)
सुजीत झा
  • पटना,
  • 28 नवंबर 2019,
  • अपडेटेड 11:35 PM IST

  • एनआरसी पर नीतीश कुमार के बयान से सकते में विपक्षी दल
  • नीतीश कुमार का हमेशा दोहरे चरित्र वाला एक्शन रहा है: RJD

राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) को लेकर जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार के आए बयान से विपक्षी दल सकते में है. हाल तक जेडीयू के प्रवक्ता बिहार में एनआरसी लागू नहीं होने का बयान देते रहे हैं, लेकिन अब नीतीश कुमार ने कहा कि इस पर पार्टी के अंदर विचार विमर्श चल रहा है. पार्टी किसी नतीजे पर पहुंचेगी उसके बाद ही स्टैंड क्लियर होगा.

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बिहार विधानसभा में एनआरसी पर जेडीयू और खासकर नीतीश कुमार के स्टैंड को लेकर जबरदस्त हंगामा हुआ था. अब विपक्षी दलों का मानना है कि नीतीश कुमार कॉम्प्रोमाइज करने के मूड में हैं.

'नीतीश कुमार का दोहरा चरित्र वाला एक्शन'

आरजेडी के प्रवक्ता और विधायक रामानुज का कहना है, 'नीतीश कुमार का हमेशा दोहरे चरित्र वाला एक्शन रहा है, वो बोलते कुछ और करते कुछ हैं, कुर्सी के लिए कॉम्प्रोमाइज करते रहे हैं. नीतीश कुमार ने कहा था कि किसी भी हालत में 370, तीन तलाक जैसे मुद्दे को हम नहीं मानेंगे जो हमारा कॉमन मिनिमम प्रोग्राम में नहीं रहा है, लेकिन सबको इन्होंने माना.'

उन्होंने कहा, 'एनआरसी को लेकर इफ बट यह इनका पैंतरा बाजी है. इसको मैं पैंतरा बाजी शब्द का प्रयोग करूंगा अन्यथा यह रायशुमारी करेंगे. कौन है इनके दल में इस विषय पर बोलने वाला, यह बिल्कुल सरेंडर हैं. मोदी इफेक्ट इन पर लागू है. निश्चित तौर पर यह लोग पहले विरोध करते रहे हैं फिर समर्थन करते रहे हैं. नीतीश जी हर इशु पर सरेंडर करते रहे हैं, यह कुर्सी कुमार हैं, कुर्सी के लिए किसी भी तरह का कॉम्प्रोमाइज करेंगे.'

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'ना समर्थन ना मुखालफत, रायशुमारी करेंगे'

कांग्रेस के शकील अहमद खान का कहा, 'असल में नीतीश कुमार और जनता दल यू पूरी पार्टी विरोधाभास और कंट्राडिक्शन से गुजर रही है. पहले ये एनआरसी का विरोध करते हैं और फिर वहीं पर सटक सीताराम, लेकिन सवाल यह है कि आपको तो क्लियरटी तो रखनी पड़ेगी. बीजेपी ने जो जनता दल यू के साथ ट्रीटमेंट किया है, वह इबादत इनको पढ़नी नहीं चाहिए, अभी भी वह ना समर्थन की बात कर रहे हैं ना मुखालफत की बात कर रहे हैं, रायशुमारी करेंगे.'

गौरतलब है कि बीजेपी लगातार बिहार में एनआरसी लागू करने की बात करती रही है, ऐसे में नीतीश कुमार के इस बयान के बाद एनआरसी पर अभी पार्टी में बात चल रही है. विपक्षी दलों को साफ लगता है कि वो इस मुद्दे पर भी ट्रिपल तलाक और धारा 370 जैसे मामले की तरह की इसको भी अंजाम तक पहुंचाएंगे. धारा 370 के मामले में जेडीयू पहले ही स्पष्ट कर चुकी है कि इस मामले में कानून बन चुका है तो उसका पालन तो करना पड़ेगा. अगर एनआरसी पर भी केंद्र सरकार कानून का मुहर लगाती है तो फिर बिहार सरकार को भी मानना पड़ेगा.

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