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बिहार टॉपर घोटाले के आरोपियों पर ED का शिकंजा, जब्त कर सकती है संपत्ति

बिहार में वर्ष 2016 में 12वीं परीक्षा के टॉपर घोटाले के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया हैं. पिछले साल यह टॉपर घोटाला काफी चर्चा में रहा था, जिससे बिहार की शिक्षा व्यवस्था पर सवाल उठने लगे थे.

बिहार टॉपर घोटाले के मुख्य आरोपी (फाइल फोटो) बिहार टॉपर घोटाले के मुख्य आरोपी (फाइल फोटो)
साद बिन उमर/रोहित कुमार सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 02 जून 2017,
  • अपडेटेड 12:31 PM IST

बिहार में वर्ष 2016 में 12वीं परीक्षा के टॉपर घोटाले के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया हैं. पिछले साल यह टॉपर घोटाला काफी चर्चा में रहा था, जिससे बिहार की शिक्षा व्यवस्था पर सवाल उठने लगे थे.

इस घोटाले के सिलसिले में पुलिस ने बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (BSEB) के तत्कालीन अध्यक्ष लालकेश्वर सिंह, उनकी पत्नी व पूर्व जदयू विधायक उषा सिन्हा और वैशाली जिला के एक कॉलेज के प्रिंसिपल बच्चा राय सहित कई अन्य लोगों को गिरफ्तार किया था. अब ईडी ने भी इन लोगों पर अपना शिंकजा कस दिया है.

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ईडी सूत्रों के मुताबिक, इस घोटाले के मास्टर माइंड रहे बच्चा राय ने अपनी सालाना आय 51 लाख दिखायी थी, जबकि इस दौरान उसने ढाई करोड़ से ज्यादा की प्रापर्टी खरीदी. इसी तरह दूसरे आरोपियों की संपत्तियां उनकी घोषित आय से मेल नहीं खाती. ऐसे में ईडी गैरकानूनी पैसों से खरीदी गई इन संपत्तियों को जब्त कर सकता है.

बता दें कि पिछले साल बिहार में 12वीं के नतीजों में रूबी राय आर्ट्स में, वहीं सौरभ श्रेष्ठ साइंस टॉपर रहे थे, हालांकि मीडिया वालों के साथ इंटरव्यू में उसके ज्ञान की कलई खुल गई. आर्ट्स टॉपर रूबी राय ने न सिर्फ कैमरे के सामने पॉलिटिकल साइंस को प्रॉडिकल साइंस बताया, बल्कि यह भी कहा कि इस विषय में खाना बनाने के बारे में सिखाया जाता है.

साइंस टॉपर का भी हाल कुछ ऐसा ही था और मजे की बात यह कि दोनों टॉपर बच्चा राय के ही कॉलेज के छात्र थे. ऐसे में इस मामले को लेकर खूब हल्ला मचने पर जांच शुरू हुई तो बड़े शिक्षा माफिया का खुलासा हुआ, जिसमें विभिन्न प्राइवेट स्कूल-कॉलेजों के प्रिंसपल इस तरह टॉप बनाने के गोरखधंधे में शामिल पाए गए.

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