
बिहार में टॉपर्स घोटाले को लेकर लगातार छापेमारी जारी है. पुलिस राज्य के तमाम जिलों में दबिश दे रही है. बिहार बोर्ड में भी 'आज तक' के खुलासे के बार कार्रवाई का दौर जारी है. गुरुवार को बिहार शिक्षा बोर्ड के 271 कर्मचारियों के तबादले कर दिए गए.
लिच्छवी बीएड कॉलेज के इंचार्ज गिरफ्तार
दरअसल गुरुवार को स्पेशल टीम ने वैशाली के डीएम रचना पाटिल और एसपी राकेश कुमार के साथ लिच्छवी बीएड कॉलेज में छापेमारी की गई थी. छापेमारी के दौरान फर्जीवाड़े के कई दस्तावेज बरामद हुए थे. जिसके बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए शुक्रवार को लिच्छवी बीएड कॉलेज के इंचार्ज को गिरफ्तार कर लिया. छानबीन के दौरान असहयोग करने के कारण कॉलेज के एक कर्मचारी को टीम अपने साथ ले गई थी.
बच्चा राय दो दिन के लिए एसआईटी रिमांड पर
इससे पहले विशुन राय कॉलेज के प्रिंसिपल बच्चा राय के घर पुलिस ने दबिश दी थी, जहां से पुलिस ने करीब 20 लाख रुपये के गहने और 1 लाख 25 हजार रुपये नकदी बरामद किया था. वहीं टापर्स घोटाले से जुड़े राज उगलवाने के लिए एसआईटी ने बच्चा राय को दो दिन के लिए रिमांड पर ले लिया है.
बिहार बोर्ड के 271 कर्मचारियों का तबादला
वहीं टॉपर्स स्कैम के बाद बोर्ड के कर्मचारियों पर गाज गिरना शुरू हो गया है. बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अध्यक्ष आनंद किशोर ने शुक्रवार को बोर्ड के 271 कर्मचारियों का तबादला कर दिया. बोर्ड में पहली बार इतनी बड़ी तादाद में कर्मचारियों का तबादला किया गया है. उन्हीं कर्मचारियों का तबादला किया गया जो 3 साल से ज्यादा समय से विभाग में बैठे हुए थे. इससे पहले 14 जून को आनंद किशोर ने बिहार बोर्ड के दफ्तर में औचक निरीक्षण के दौरान 22 कर्मचारियों को निलंबति कर दिया था. साथ ही 'आज तक' के स्टिंग ऑपरेशन के बाद मामले की जांच के लिए एक कमेटी गठित कर दी गई है.
बोर्ड में करीब 650 अधिकारी और कर्मचारी कार्यरत हैं, उसमें से लगभग 45 फीसदी कर्मचारियों का तबादला एक साथ किया गया. इतने बडे पैमाने पर तबादला अब तक नहीं हुआ था. बोर्ड के अध्यक्ष आनंद किशोर ने कंप्यूटर साफ्टवेयर की मदद से तबादले किए.
'आज तक' पर खुलासे के बाद प्रशासन में हड़कंप
गौरतलब है कि 'आज तक' पर बिहार में टॉपर्स घोटाले के स्टिंग ऑपरेशन के बाद सरकार ने कड़े निर्देश देते हुए सभी टीचर ट्रेनिंग कॉलेज और बीएड कॉलेजों की जांच-पड़ताल का आदेश दिया है, जिसके बाद से जिला प्रशासन हरकत में आया है. प्रशासन की ओर से लगातार दबिश से बीएड कॉलेजों के संचालकों में हड़कंप मच गया है.