
बीपीएल कार्ड धारी ललन चौधरी और रेलवे में खलासी के पद पर काम करने वाला हृदयानंद चौधरी ने आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के परिवार को संपति दान की है.
लालू की बेटी को दान में मिली करोड़ों की जमीन
हालांकि इन दोनों में बहुत समानताएं भी है. दोनों ने एक ही दिन यानि 13 फरवरी 2014 को अपनी-अपनी जमीन आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव की पांचवी बेटी हेमा को दान दी. दोनों के दान पत्र पर हेमा यादव का पता राबड़ी देवी का सरकारी आवास 10 सर्कुलर रोड का पता अंकित है. दोनों एक दूसरे के दानपत्र के गवाह भी हैं. यही नहीं दोनों ने एक ही दिन 29 मार्च 2008 को जमीन खरीदी. ये खुलासा बीजेपी के वरिष्ठ नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने किया.
सुशील मोदी ने साधा लालू पर निशाना
आजतक से खास बातचीत करने हुए उन्होंने कहा कि एक बीपीएल कार्डधारी जिसको इंदिरा आवास आवंटित हुआ था, उसने हेमा यादव को जमीन दान दी थी और अभी मामला आया कि एक रेलवे का खलासी हृदयानंद चौधरी ने भी 62 लाख की ज़मीन हेमा यादव को दान में दे दिया था. ये तो बिहार का सौभाग्य है कि लालू-नीतीश के राज्य में बीपीएल कार्ड धारी के पास भी करोड़ो की संपत्ति है और केवल संपत्ति ही नही है बल्कि इतने दानवीर कर्ण है कि ये लोग करोड़ो की संपत्ति और मुफ्त में दान करने की क्षमता रखते है.
बेनामी संपत्ति को वैध करने का तरीका है
मोदी ने कहा कि ये तो बहुत साफ-साफ मुखौटा है, ललन चौधरी या हृदयानंद चौधरी के पास पैन नम्बर भी नही है. जो 62 लाख की संपत्ति गिफ्ट कर रहा है उसका पैन नंबर भी नही होना मुखौटा ही तो है. इनलोगों का जमीन लिखवाने में इस्तेमाल किया गया है . लालू प्रसाद यादव जब रेल मंत्री थे तो खुद परिवार के सारी ज़मीन नही लिखवा सकते थे इन के नाम पर ज़मीन लिखवा लिया गया और अब खुद को गिफ्ट करवा रहें है. तो यही बेनामी संपत्ति को वैध करने का तरीका लोग अपनाते है इसके जरिए काले धन को वाइट करने के तरीके के रूप में इस्तेंमाल किया है लेकिन लालू जी को ये नही मालूम है कि नरेंद्र मोदी की सरकार है बेनामी कानून बन चुका है और जो सारी की सारी ज़मीन बेनामी संपत्ति है वह आज न कल जब्त होगी.
नौकरी देने के नाम से लिखवाई गई जमीन
मोदी ने कहा कि हृदयानंद चौधरी रेलवे में फोर्थ ग्रेड के कर्मचारी है और जब लालू प्रसाद यादव रेल मंत्री थे तो इसको खलासी के पद पर नौकरी मिली जो लालू जी के कृपा से लगी थी. ललन सिंह और शिवानंद तिवारी ये वही लोग है जिनको लालू जी ने नौकरी दी और उनके नाम से ज़मीन लिखवा ली या उनके नाम से ज़मीन लिखवा लिया गया और अब उसको गिफ्ट करवा रहे है. लालू जी ने नौकरी ,एमएलए और मंत्री पद देने आड़ में ज़मीन लिखवा लिया चाहे वह रघुनाथ झा, कांति सिंह, ललन चौधरी , हृदयानंद चौधरी या फिर शिव प्रसाद चौधरी हो और मुझे लगता है कि यह शायद हिंदुस्तान का गिनीज़ बुक ऑफ रिकॉर्ड होगा कि किसी एक नेता को एक दर्जन से ज्यादा लोगों ने करोड़ो की संपत्ति दान की हो.
केंद्र सरकार करवाई करेगी
मोदी का कहना है कि नीतीश जी करवाई नही करेंगे ये मैं जानता हूं लेकिन मुझे पूरा विश्वास है कि केंद्र की सरकार करवाई करेगी. मोदी ने कहा कि मुझे ये भी मालूम की लालू प्रसाद यादव यही जवाब देंगे कि बदले की मामला से करवाई हो रही है तो ज़मीन बेनामी खरीदेंगे आप और अगर करवाई हुई तो चिल्लाएंगे की,बदले की भावना से करवाई हो रही है ये विपक्ष क्यों एकजुट हो रहा हैं इसलिए किै अपनी संपत्ति को बचाने के लिए चाहे वो ममता बनर्जी या मायावती हो या फिर लालू यादव हो और आरजेडी की जो रैली हो रही है ये देश बचाओ रैली नहीं है बल्कि बेनामी संपत्ति बचाओ रैली है इसलिए नोटबंदी का विरोध कर रहे थे.