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16 महीने बाद कल आएगा गया रोडरेज मामले का फैसला

यह घटना 7 मई 2016 को उस वक्त हुई जब आदित्य सचदेवा अपने दोस्त नासिर हुसैन, आयुष अग्रवाल, मो. कैफी, अंकित अग्रवाल के साथ बोधगया से गया स्विफ्ट कार से पार्टी कर लौट रहा था तभी जनता दल यू की एमएलसी के बेटे रॉकी यादव ने गया के पुलिस लाइन रोड में गोली मार दी थी.

शोक में आदित्य सचदेवा के माता-पिता शोक में आदित्य सचदेवा के माता-पिता
सुजीत झा
  • गया,
  • 30 अगस्त 2017,
  • अपडेटेड 9:42 PM IST

चर्चित आदित्य सचदेवा हत्याकांड के 16 महीने बाद भी माता-पिता के बहते आंसू न्याय के इंतजार में हैं. गुरूवार को इस केस पर अदालत अपना फैसला सुनाएगी. 07 मई 2016 को ही रोडरेज मामले में जनता दल यू की दबंग एमएलसी मनोरमा देवी के पुत्र रॉकी यादव ने आदित्य सचदेवा को गोली मार कर हत्या कर दी थी. आदित्य की मौत को 16 महीने हो गए लेकिन माता-पिता के आंसू थमे नहीं है. न्याय और कोर्ट का फैसला की आस लगाए वह बैठी है.

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यह घटना 7 मई 2016 को उस वक्त हुई जब आदित्य सचदेवा अपने दोस्त नासिर हुसैन, आयुष अग्रवाल, मो. कैफी, अंकित अग्रवाल के साथ बोधगया से गया स्विफ्ट कार से पार्टी कर लौट रहा था तभी जनता दल यू की एमएलसी के बेटे रॉकी यादव ने गया के पुलिस लाइन रोड में गोली मार दी थी. आदित्य का कसूर यही था कि एमएलसी के बेटे के लैंड रोवर गाड़ी को साइड नहीं दी थी और इसी से अपने दबंग पिता बिन्दी यादव का रौब दिखाते हुए पीछे से गोली मार दी थी.

मेडिकल कॉलेज ले जाते समय आदित्य दुनिया छोड़ चुका था. इस मामले में रॉकी यादव के साथ रहे टेनी यादव और एमएलसी के अंगरक्षक राजेश कुमार को जेल भेजा गया था. फिलहाल टेनी यादव और अंगरक्षक बाहर है और रॉकी यादव अभी भी जेल में है. इस मामले में 9 मई 2016 को रामपुर थाना में कांड संख्या 130/16 दर्ज है. 12 मई को रॉकी यादव को गिरफ्तार किया गया था. इतने दिनों तक दोनों पक्षों की ओर से सारी गवाही पूरी और सारे बयान दर्ज हो चुके हैं. 31 अगस्त 2017 को आदित्य हत्याकांड का अंतिम फैसला आने वाला है.

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आदित्य सचदेवा की मां चंदा सचदेवा और पिता श्याम सचदेवा ने बताया कि वह दिन वह नहीं भूल सकती हैं. वह बताती हैं कि न्यायालय और सरकार पर हमें पूरा भरोसा है जो हुआ था वह पूरा देश और दुनिया ने देखा है. आदित्य के माता-पिता ने रॉकी यादव के लिए फांसी की मांग की है.

इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का सपष्ट निर्देश था कि 11 सितंबर से पहले इस केस का फैसला हो जाना चाहिए. गया के एडिशनल वन कोर्ट के जज सच्चिदानंद प्रसाद सिंह इस पर गुरुवार को भोजनावकाश के बाद फैसला सुनायेंगे. जिस समय अदित्य की हत्या हुई थी उस समय उसने बारहवीं की परीक्षा दी थी. उसकी हत्या के बाद रिजल्ट आया था जिसमें वो परीक्षा तो पास कर गया लेकिन तब तक जिंदगी फेल हो चुकी थी.

 

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