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बिहार में फिर बिजली महंगी, एक अप्रैल से लागू होगी नई दर

बिहार विद्युत विनियामक आयोग ने राज्य में 5 फीसदी महंगी बिजली दर का फैसला सुनाया जा चुका है. यह दर एक अप्रैल से लागू होंगी. बता दें, बिजली कंपनियों ने 44 फीसदी बिजली दर बढ़ाने का प्रस्ताव दिया था. जिस पर विनियामकआयोग के फैसले के बाद राज्य सरकार ने बिजली दर की समीक्षा कर अनुदान बढ़ाने की बात कही हैं. फिलहाल बिहार में बड़े उद्योग के केवल एक सेक्टर में ही यह वृद्धि 9.92 फीसदी है.

प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर
सुजीत झा
  • पटना,
  • 22 मार्च 2018,
  • अपडेटेड 12:40 PM IST

बिहार में बिजली दरों में एक बार फिर बढ़ोतरी की गई है. बिहार विद्युत विनियामक आयोग ने राज्य में 5 फीसदी महंगी बिजली दर का फैसला सुनाया है.

बता दें कि बिजली कंपनियों ने 44 फीसदी बिजली दर बढ़ाने का प्रस्ताव दिया था. जिस पर विनियामक आयोग के फैसले के बाद राज्य सरकार ने बिजली दर की समीक्षा कर अनुदान बढ़ाने की बात कही है. फिलहाल बिहार में बड़े उद्योग के केवल एक सेक्टर में ही यह वृद्धि 9.92 फीसदी है.

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दरअसल, पिछले साल आयोग ने बिजली दर में 55 फीसदी की वृद्धि की थी. तब राज्य सरकार ने 35 फीसदी तक अनुदान उपभोक्ताओं को दिया था. इसके बावजूद उपभोक्ताओं को 20 फीसदी महंगी बिजली का बिल अदा करना पड़ रहा था. ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने कहा कि बिजली कंपनी के प्रस्ताव पर फैसला सुनाने का अधिकार विनियामक आयोग को है. पिछले साल के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अनुदान देने की घोषणा की थी. इस बार भी आयोग की ओर से सुनाई गई बिजली दर की समीक्षा की जाएगी. जिसके बाद ही जरूरत के अनुसार अनुदान देने की घोषणा होगी.

विनियामक आयोग के अध्यक्ष एसके नेगी ने कहा, 'सरकार की तरफ से अभी अनुदान का प्रस्ताव नहीं आया है सरकार चाहे तो कितना भी अनुदान दे सकती है.' उन्होंने कहा कि साउथ बिहार डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड को 9,603 करोड़ और नॉर्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड को 7,207.62 करोड़ रुपये के राजस्व की जरूरत का प्रस्ताव दिया गया था.

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इस समीक्षा के बाद आयोग ने साउथ बिहार के लिए 9,228.64 और नॉर्थ बिहार के लिए 7,106 करोड़ की जरूरत का प्रस्ताव मंजूर किया है. दोनों कंपनियों ने 2018-19 के लिए कुल 5,121.87 करोड़ घाटे का प्रस्ताव दिया था लेकिन जांच में मात्र 747.44 करोड़ ही पाया गया. गौरतलब है कि कंपनियों ने राजस्व नुकसान को कम करने लिए 44 फीसदी बिजली दर वृद्धि का प्रस्ताव दिया था.

बता दें, बिहार सरकार ने पिछले साल यानी 1 अप्रैल 2017 को भी उपभोक्ताओं को सब्सिडी देने का ऐलान कर बिजली दरों में भी भारी बढ़ोतरी की थी.

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