
बिहार में एक अप्रैल से बिजली उपभोक्ताओं को बिजली का करंट लगेगा. सरकार ने विधानसभा में बिजली पर सब्सिडी सीधे उपभोक्ताओं को देने का ऐलान तो किया लेकिन बिजली की कीमतों में भी भारी बढोतरी की है. हालांकि इससे पहले राज्य सरकार सब्सिडी का पैसा बिजली कंपनी को देती थी लेकिन इस साल बिहार सरकार ने उपभोक्ताओं को करीब 3000 करोड़ सब्सिडी देने का ऐलान किया है.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विधानसभा और विधानपरिषद में इसका ऐलान करते हुए कहा कि अब बिजली के बिल पर ही सब्सिडी लिखा हुआ आएगा कि सरकार अपनी तरफ से कितनी सब्सिडी दे रही है. हालांकि बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी के मुताबिक राज्य सरकार ने सब्सिडी तो दिया है लेकिन उपभोक्ताओं पर 30 से 80 प्रतिशत तक बढोतरी का भार बढ़ेगा.
इससे पहले बिजली नियामक आयोग ने 55 प्रतिशत बिजली की बढोतरी का प्रस्ताव बिना सब्सिडी के रखा था. घरेलू उपभोक्ताओं को राज्य सरकार ने सब्सिडी देकर कुछ राहत तो दी है. इस क्षेत्र में 28 से 35 प्रतिशत की बढोतरी की गई है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि पैसे आसमान से नहीं आते. केन्द्र सरकार की दोहरी नीति की वजह से उन्हें बिजली की कीमतों में बढोतरी करनी पड़ रही है. क्योंकि केन्द्र सरकार अलग-अलग राज्यों के लिए अलग-अलग कीमतों का निर्धारण करती है. बिहार 80 प्रतिशत बिजली एनटीपीसी से लेता है जिसकी कीमत उसे 4.80 पैसे प्रति यूनिट चूकानी पड़ती है. जबकि बाजार से बिजली लेने की कीमत 3.00 प्रति यूनिट है.
नीतीश कुमार ने आरोप लगाया कि केन्द्र सरकार दोहरी नीति अपनाती है और बिहार के साथ भेदभाव करती है तभी तो बिहार को एनटीपीसी से 4.80 पैसे प्रति यूनिट बिजली मिलती है जबकि तमिलनाडु में यह कीमत इससे काफी कम है. यही नही एनटीपीसी अपनी उन इकाईये से बिहार को बिजली देती है जिनकी हालत जर्जर है.
बढ़ी हुई दर एक अप्रैल से लागू होंगी जिसका टैरिफ इस प्रकार है...
कुटीर ज्योति के लिए आयोग ने 6.08 पैसे दर निर्धारित की थी राज्य सरकार इसमें 3.58 पैसे अनुदान देगी उपभोक्ता को 2.50 पैसे भुगतान करना होगा. इसी तरह घरेलू बिजली ग्रामीण क्षेत्रों में आयोग ने निर्धारित की 6.45 पैसे अनुदान के रूप में 3.10 पैसे मिलेंगे उपभोक्ता को 3.35 पैसे प्रति यूनिट देना होगा.
शहरी क्षेत्र के उपभोक्ताओं पर आयोग ने निर्धारित 6.48 पैसे की राज्य का अनुदान 1.48 पैसे मात्र उपभोक्ताओं को 5.00 रूपये प्रति यूनिट बिल भरना होगा.
बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुशील मोदी का कहना है कि उपभोक्ताओं को कोई सब्सिडी नहीं मिल रही है. सिर्फ बिल में उल्लेख रहेगा कितनी सब्सिडी होगी. सबसे बड़ी बात है कि 4 हजार 2 सौ करोड़ का बोझ बिहार की जनता पर पड़ने जा रहा है.
एक साथ नहीं बढ़ा सकते: सुशील कुमार मोदी, नेता विरोधीदल बिहार विधान मंडल
कुटीर ज्योति जो बीपीएल परिवार के लोग बिजली इस्तेमाल करते हैं, वो पहले 1 रुपए 70 पैसे प्रति यूनिट देते थे, अब 2 रूपये 50 प्रतिशत हो गया है, करीब 80 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जो शहर में रहने वाले घरेलू उपभोक्ता हैं, वो पहले 3 रूपये देते थे अब उन्हें 5 रुपए देना पड़ेगा. लगभग उनकी सवा रुपए की वृद्धि है, अब चाहे गरीब हो या डोमेस्टिक और इंडस्ट्रियल ये मामूली बोझ नहीं है, और आप कह रहे हैं बगल के राज्य में ज्यादा है, तो आप धीरे-धीरे करेंगे, एक साथ नहीं बढ़ा सकते.