
भ्रष्टाचार और बेनामी संपत्ति अर्जित करने के मामले में फंसे उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने 2 दिन पहले भले ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात कर अपनी सफाई दे दी हो, मगर उनके इस्तीफे को लेकर आरजेडी और जेडीयू के बीच टकराव कम नहीं हो रहा है.
दोनों दलों के नेताओं द्वारा चल रही जुबानी जंग के बीच जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने ताजा बयान देकर कहा है कि आरजेडी को यह भूलना नहीं चाहिए कि नीतीश की पार्टी ने महागठबंधन बनाने के लिए ज्यादा बड़ी कुर्बानी दी थी और अपने सीटिंग विधायकों को टिकट ना देकर वह टिकट आरजेडी नेताओं को विधानसभा चुनाव के दौरान दिया था.
जेडीयू ने इस बात को भी लेकर नाराजगी जताई है कि आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव खुद आरोपों का जवाब नहीं देकर, एक अन्य नेता शिवानंद तिवारी के जरिए जवाब दे रहे हैं, जो न तो जेडीयू में है ना ही आरजेडी में. नीरज ने कहा कि लालू और तेजस्वी को पॉलिटिकल आउटसोर्सिंग का सहारा न लेकर सीधे अपने ऊपर लगे आरोपों का जवाब देना चाहिए.
आरजेडी के कुछ विधायकों द्वारा 80 विधायकों की संख्या बल का घमंड दिखाने को लेकर भी नीरज कुमार ने कहा कि आरजेडी संख्याबल की बब्बर शेर हो सकती है, लेकिन जेडीयू नैतिकता की बब्बर शेर है.
नीरज ने कहा कि 2015 के विधानसभा चुनावों के दौरान जो महागठबंधन बना था उसके दूल्हा नीतीश कुमार थे और अगर आरजेडी की वजह से उनकी छवि किसी प्रकार से दागदार होती है तो यह जेडीयू् को बर्दाश्त नहीं होगा.