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JDU का राहुल को खुला खत, पूछा - 'जेल में लालू से कब मिलोगे?'

उन्होंने कहा, "आज आपकी कांग्रेस पार्टी की सहयोगी पार्टी राजद के प्रमुख लालू प्रसाद चारा घोटाला के एक मामले में रांची के बिरसा मुंडा जेल में कैदी नंबर 3351 बनकर अपनी सजा काट रहे हैं. ऐसे में आपका अब तक जेल पहुंचकर उनको सांत्वना नहीं देना 'चाणक्य नीति' के विपरीत है."

नीरज कुमार (फाइल) नीरज कुमार (फाइल)
मोहित ग्रोवर
  • पटना,
  • 08 जनवरी 2018,
  • अपडेटेड 3:01 PM IST

चारा घोटाला के मामले में सजा पाने के बाद जेल में बंद राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अध्यक्ष लालू प्रसाद के बहाने बिहार में सत्ताधारी पार्टी जनता दल (युनाइटेड) ने सोमवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर निशाना साधा. राहुल गांधी के नाम एक खुला पत्र जारी करते हुए जद (यू) ने उनसे पूछा है कि वे लालू प्रसाद से जेल में जाकर कब मिलने वाले हैं. बता दें कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुबोधकांत सहाय आज लालू यादव से मिलने रांची के बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार पहुंचे थे.

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पत्र जारी करते हुए प्रवक्ता संजय कुमार सिंह ने 'चाणक्य नीति' का हवाला देते हुए कहा, " 'चाणक्य नीति' में बताया है कि वह कौन से हालात हैं जो हमें यह बताते हैं कि कौन सा इंसान हमारे लिए अच्छा करता है और कौन बुरा.

उन्होंने कहा, "आज आपकी कांग्रेस पार्टी की सहयोगी पार्टी राजद के प्रमुख लालू प्रसाद चारा घोटाला के एक मामले में रांची के बिरसा मुंडा जेल में कैदी नंबर 3351 बनकर अपनी सजा काट रहे हैं. ऐसे में आपका अब तक जेल पहुंचकर उनको सांत्वना नहीं देना 'चाणक्य नीति' के विपरीत है."

प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा, "राहुल गांधी ने सजायफ्ता सांसदों और विधायकों को बचाने के लिए लाए गए अध्यादेश को बकवास बताते हुए उसे फाड़कर फेंक दिया था. लेकिन इसके बाद राहुल ने भ्रष्टाचार के आरोपी और लालू प्रसाद के पुत्र तेजस्वी प्रसाद यादव के साथ एक होटल में खाना भी खाया.

ऐसे में तेजस्वी का नमक खाने के बाद उनके 'नमक' की लाज तो राहुल गांधी को रखनी चाहिए. एक दोस्त के नाते कष्ट में पड़े लालू प्रसाद से मिलना उनका मित्र धर्म भी है.

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पत्र में राहुल गांधी को सलाह देते हुए कहा गया है, "जेल मैनुअल के मुतबिक एक सप्ताह में किसी कैदी से तीन ही लोग मिल सकते हैं. ऐसे में आप अपने सहयोगी दल के वर्तमान 'सर्वेसर्वा' को और जेल प्रशासन को अपने आने की पहले ही सूचना दे दें."

राहुल पर तंज कसते हुए पत्र में आगे कहा गया, "आप एक राष्ट्रीय पार्टी के अध्यक्ष हैं, ऐसे में आप अपने 'आईकॉन' या 'राजनीतिक गुरु' से विशेष परिस्थिति में भी जेल में मिलकर राजनीति के नए गुर सीख सकते हैं. बशर्ते इसके लिए आपको अदालत से आदेश लेना होगा." पत्र के अनुसार, "राजनीति में ऐसा नहीं चल सकता है कि एक ओर आप भ्रष्टचार की खिलाफत करें और एक ओर लालू प्रसाद की पार्टी राजद से मिले भी रहें."

गौरतलब है कि 23 दिसंबर को रांची की विशेष सीबीआई कोर्ट ने आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव समेत 16 आरोपियों को दोषी करार दिया था. वहीं पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा समेत 6 आरोपियों को रिहा कर दिया था. 6 जनवरी को जब अदालत में सजा का ऐलान किया तो आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव और आरजेडी के पूर्व सांसद आरके राणा को साढ़े तीन साल की जेल और पांच लाख रुपये जुर्माना की सजा दी. जबकि इसी मामले में आरोपी पूर्व सांसद जगदीश शर्मा को 7 साल की जेल और 10 लाख का जुर्माना देना है.

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(न्यूज़ एजेंसी आईएनएएस से भी इनपुट लिया गया है)

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