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JDU ने पूछा- सजा के ऐलान के बाद जातिगत फैसले पर क्यों नहीं बोल रहें RJD नेता?

देवघर कोषागार में अवैध निकासी के मामले में रांची की कोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र को रिहा कर दिया था, जबकि आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव समेत 16 आरोपियों को दोषी करार दिया था.

जेडीयू के प्रवक्ता नीरज कुमार (फाइल फोटो) जेडीयू के प्रवक्ता नीरज कुमार (फाइल फोटो)
सुजीत झा
  • पटना,
  • 07 जनवरी 2018,
  • अपडेटेड 3:44 PM IST

चारा घोटाला मामले में सीबीआई की विशेष अदालत के फैसले पर जातिगत आरोपों को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू ने आरजेडी पर निशाना साधा है. जनता दल यू (जेडीयू) के प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि जातिगत आरोप लगाने वाले लोग अब सजा के ऐलान के बाद चुप हो गए हैं.

उन्होंने कहा कि देवघर कोषागार में अवैध निकासी के मामले में रांची की कोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र को रिहा कर दिया था, जबकि आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव समेत 16 आरोपियों को दोषी करार दिया था. तब आरजेडी की तरफ से कहा गया कि अगर लालू यादव मिश्रा होते तो उनकी रिहाई हो जाती, लेकिन कोर्ट ने जब सजा का ऐलान किया तो सबसे कड़ी सजा पूर्व सांसद जगदीश शर्मा को मिली.

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नीरज कुमार ने कहा कि आरजेडी के नेता अनर्गल न्यायपालिका पर आरोप लगा रहे थे. कोर्ट के फैसले से साफ हो गया है कि आरजेडी अध्यक्ष को साढ़े तीन साल की सजा और जगदीश शर्मा को 7 साल की सजा हुई है. अब आरजेडी के नेता क्यों नहीं बोल रहे हैं. उन्होंने कहा कि जब जगन्नाथ मिश्र को बरी किया गया था और विद्या सागर निषाद को भी रिहा किया गया था तो आरजेडी के नेताओं ने जातिगत आरोप लगाकर कोर्ट के फैसले पर सवाल खड़ा किया था.

गौरतलब है कि 23 दिसंबर को रांची की विशेष सीबीआई कोर्ट ने आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव समेत 16 आरोपियों को दोषी करार दिया था. वहीं पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा समेत 6 आरोपियों को रिहा कर दिया था. 6 जनवरी को जब अदालत में सजा का ऐलान किया तो आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव और आरजेडी के पूर्व सांसद आरके राणा को साढ़े तीन साल की जेल और पांच लाख रुपये जुर्माना की सजा दी. जबकि इसी मामले में आरोपी पूर्व सांसद जगदीश शर्मा को 7 साल की जेल और 10 लाख का जुर्माना देना है.

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हालांकि कोर्ट ने आरजेडी और कांग्रेस के नेताओं रघुवंश प्रसाद सिंह, शिवानंद तिवारी, तेजस्वी यादव और कांग्रेस के नेता मनीष तिवारी को कोर्ट की अवमानना का नोटिस जारी करते हुए उन्हें जवाब देने के लिए 23 जनवरी को रांची के कोर्ट में हाजिर होने का आदेश दिया है. तेजस्वी ने कहा कि वो कोर्ट में इसका जवाब देंगे हालांकि नोटिस अभी मिला नहीं है.

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