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क्यों खुली जेल में नहीं जाना चाहते हैं लालू? जज को बताई वजह

बता दें कि जब लालू को मामले में दोषी करार दिया गया था, तब वे रांची की बिरसा मुंडा जेल में रह रहे थे. हालांकि, सजा के ऐलान के बाद उन्हें हज़ारीबाग की ओपन जेल में भेजा गया.

फाइल फोटो फाइल फोटो
मोहित ग्रोवर
  • रांची/पटना,
  • 11 जनवरी 2018,
  • अपडेटेड 12:56 PM IST

देवघर चारा घोटाले मामले में साढ़े तीन साल की सज़ा काट रहे राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने बुधवार को पेशी के दौरान ओपन जेल का विरोध किया. लालू ने कहा कि उन्हें ओपन जेल में भेजने से पुलिस बल को मुश्किल हो सकती है, चूंकि अगर खुली जेल में उनसे मिलने काफी लोगों की भीड़ जमा हो सकती है.  

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बता दें कि जब लालू को मामले में दोषी करार दिया गया था, तब वे रांची की बिरसा मुंडा जेल में रह रहे थे. हालांकि, सजा के ऐलान के बाद उन्हें हज़ारीबाग की ओपन जेल में भेजा गया. गौरतलब है कि सजा के ऐलान के वक्त विशेष सीबीआई जज शिवपाल सिंह ने ओपन जेल भेजने की अनुशंसा की थी.

अंग्रेजी अखबार हिंदुस्तान टाइम्स की खबर के मुताबिक, दरअसल, बुधवार को लालू यादव की पेशी एक अन्य मामले में हुई थी इस दौरान जज ने उनसे पूछा था कि क्या उन्हें कोई दिक्कत तो नहीं हो रही है. जिसके जवाब में लालू यादव ने ये बातें कहीं.

क्यों भेजा गया ओपन जेल?

दरअसल, सभी दोषी उम्रदराज़ हैं, इसलिए उन्हें बिरसा मुंडा जेल से शिफ्ट करके हजारीबाग के ओपन जेल में भेज देना चाहिए. जहां उन्हें कुछ ज्यादा सुविधाएं उपलब्ध हो सकती हैं. हजारीबाग स्थित ओपन जेल का उद्घाटन 2013 नवंबर में हुआ था.

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इस जेल में 100 कॉटेज हैं. हर कॉटेज में किचन और अटैच्ड बाथरूम की सुविधा उपलब्ध है. कुल मिलाकर यहां 100 कैदी अपनी पत्नी और एक छोटे बच्चे के साथ रह सकते हैं.

गाय-भैंस के साथ रहने से महसूस होगा अपनापनः जज शिवपाल सिंह

हजारीबाग जेल प्रशासन ने इस बात की पुष्टि की थी कि बहुत जल्दी इस ओपन जेल के अंदर 10 से 12 गाय और भैंस लाई जाएंगी. माना जा रहा है ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि विशेष सीबीआई जज शिवपाल सिंह ने सजा के ऐलान के वक्त यह टिप्पणी की थी कि ओपन जेल में गाय और भैंस चरते हैं.

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