
बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने के बाद पहली बार खाना के बहाने ही सही घटक दल के नेताओं की मुलाकात मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आवास पर हुई. इस अहम बैठक को लेकर दिनभर पटना के सियासी गलियारों में हलचल भी मची रही. खाना तो सिर्फ बहाना था, मकसद तो था जो भी गिले-शिकबे हैं उसको दूर करना. राजनीतिक गलियारों से छनकर आ रही खबरों से तो यही लग रहा है कि गिले-शिकबे भी दूर हुए और कुछ अन्य मुद्दों पर राय-शुमारी भी हुई.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आवास पर दिन के भोज का निमंत्रण घटक दलों के नेताओं को दिया गया था. इस भोज में आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद, पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, लालू प्रसाद के दोनों बेटे बिहार के उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप, बिहार कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सह बिहार के शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी, बिहार मंत्रिमंडल के वरिष्ठ सहयोगी सह उर्जा मंत्री विजेंद्र यादव, सिंचाई मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह, जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह और जेडीयू सांसद आरसीपी सिंह मौजूद थे.
आरजेडी के पूर्व बाहुबली सांसद शहाबुद्दीन को पटना हाईकोर्ट से जमानत मिलने और फिर जेल से निकलने पर जिस तरह शहाबुद्दीन ने नीतीश कुमार पर हमला किया उसको लेकर बिहार में तरह-तरह की चर्चाओं का बाजार गर्म था. इस चर्चा को बल उस वक्त और मिल गया जब शहाबुद्दीन पर लालू प्रसाद ने चुप्पी साध ली या फिर जब उन्होंने मुंह खोला तो शहाबुद्दीन द्वारा दिए गए बयान को सही ठहराया. इसके बाद बिहार सरकार द्वारा शहाबुद्दीन की जमानत को रद्द कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखइल करने के बाद ये खबर भी जोर पकड़ी थी कि लालू प्रसाद और नीतीश कुमार के बीच कुछ ठीक नहीं चल रहा. कुछ यही हुआ आरजेडी विधायक राजबल्लब यादव के मामले में. ऐसे में भोज के बहाने लालू और नीतीश की लम्बी मुलाकात काफी अहम माना जा रहा है.
लालू ने की सरकार की तारीफ
ऐसे तो भोज के बाद अंदर के खबरों के बारे में कोई औपचारिक बयान किसी घटक दल के नेताओं द्वारा जारी तो नहीं किया गया, लेकिन जो खबरें मिल रही है उसके मुताबिक कई अहम मुद्दों पर लालू प्रसाद और नीतीश कुमार के बीच गुफ्तगु हुई. खबर ये मिल रही है कि लालू प्रसाद ने सरकार के सात निश्चय की तारीफ की और ये कहा कि सरकार इस दिशा में सही काम कर रही है. तीन घंटे चली इस बैठक में ये भी तय हुआ कि जिला बीस सूत्री कार्यक्रम के क्रियान्वयन समिति का तत्काल गठन किया जाए. साथ ही निगम बोर्ड और आयोग के गठन पर विस्तार से चर्चा हुई.
हर महीने होगा भोज का आयोजन
इस भोज के बहाने यूपी की हालात पर भी चर्चा हुई, लेकिन ये साफ नहीं हो पाया है कि लालू प्रसाद और नीतीश कुमार 5 नवंबर को सपा के रजत जयंती समारोह में भाग लेने लखनऊ जाएंगे या नहीं. सूत्र ये भी बता रहे हैं कि घटक दल के नेताओं ने इस बात पर जोर दिया कि महीने में इस तरह के आयोजन होने चाहिए ताकि सारे गिले शिकबे दूर होते रहें और विपक्ष को महागठबंधन की मजबूती पर सवाल उठाने का मौका नहीं मिले. खबर ये है कि लालू प्रसाद ने अगला भोज देने का न्योता घटक दल के नेताओं को दे दिया है जिस पर सब राजी भी हो गए.