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शराबबंदी को लेकर समीक्षा बैठक कर रहे थे नीतीश, मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर पी रहा था शराब

बिहार के मुख्यमंत्री शराबबंदी को लेकर जिस समय समीक्षा बैठक कर रहे थे, ठीक उसी समय सचिवालय से कुछ किलोमीटर दूर पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल का एक डॉक्टर हॉस्टल में शराब पी रहा था.

बिहार में लागू है शराबबंदी बिहार में लागू है शराबबंदी
सुजीत झा
  • पटना ,
  • 11 मई 2017,
  • अपडेटेड 2:15 PM IST

बिहार के मुख्यमंत्री शराबबंदी को लेकर जिस समय समीक्षा बैठक कर रहे थे, ठीक उसी समय सचिवालय से कुछ किलोमीटर दूर पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल का एक डॉक्टर हॉस्टल में शराब पी रहा था. मुख्यमंत्री शराब तस्करी में हुए इजाफे के लिए पुलिस और आबकारी विभाग के अधिकारियों को फटकार लगा रहे थे, उधर डॉक्टर पैग पर पैग चढ़ाए जा रहा था.

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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बुधवार की देर शाम तक शराबबंदी पर समीक्षा बैठक कर रहे थे. उन्होंने पुलिस को शराबबंदी अभियान तेज करने का निर्देश भी दिया, लेकिन बिहार के सबसे बड़े अस्पताल पीएमसीएच के डॉक्टर ने ही बिहार सरकार के शराबबंदी कानून की धज्जियां उड़ा दीं.

दरअसल बुधवार की देर रात पटना के पीरबहोर थाना पुलिस पीएमसीएच के पीजी डॉक्टर अखिलेश कुमार को शराब के नशे की हालत में गिरफ्तार कर थाने लाई, जहां ब्रेथ एनालाइजर से जांच में शराब की मात्रा पाई गई. पुलिस के अनुसार अखिलेश का कहना था कि उसे किसी ने शराब पिला दिया है. हालांकि खुद डॉक्टर अखिलेश ने शराब पीने की बात से इंकार किया है और कहा कि उनका कुछ डॉक्टरों से झगड़ा हुआ था.

शराब पीने के दौरान आरक्षण के मुद्दे लेकर डाक्टरों के दो गुटों के बीच कहासुनी हुई और मामला हाथापाई तक पहुंच गया, तब किसी ने इसकी सूचना पुलिस को दे दी. पुलिस झगड़ा सुलझाने पहुंची थी. पुलिस के आने की सूचना से बाकी डॉक्टर तो फरार हो गये, लेकिन दिव्यांग होने के कारण डॉक्टर अखिलेश भाग नही सके और पकड़े गए.

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राज्य में पूर्ण शराबबंदी के बावजूद शराब के खुलेआम कारोबार से नाराज सरकार ने शराब माफियाओें के खिलाफ कठोर कार्रवाई का ऐलान किया है. साथ में निर्देश में ये भी कहा गया कि शराब माफियाओं की सम्पति नीलाम की जाए और शराब माफियाओं के साथ गठजोड़ करने वाले अफसरों को बर्खास्त किया जाए.

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