
बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को पटना हाई कोर्ट से लगी फटकार को बीजेपी नेता सुशील कुमार मोदी ने बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया. सुशील मोदी ने कहा कि जिस तरह लालू-राबड़ी की सरकार में ट्रांसफर पोस्टिंग ने उद्योग का रूप ले लिया था, आज भी बिहार में वही स्थिति बन गई है. उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग में 300 बीईओ के ट्रांसफर पर हाई कोर्ट ने रोक लगा रखी है. विधायक के चिट्ठी पर वर्तमान सरकार में ट्रांसफर-पोस्टिंग का खेल चल रहा है.
हाई कोर्ट ने कहा- तेजस्वी अभी जिम्मदेारियों को लेकर नौसिखिया हैं
बिहार के उप मुख्यमंत्री व आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद के बेटे तेजस्वी यादव को पटना हाइकोर्ट ने कड़ी फटकार लगाते हुए कानून के तहत काम करने का निर्देश दिया. कोर्ट ने एक याचिका की सुनवाई के दौरान कहा कि
भले ही डिप्टी सीएम को अभी पूरी तरह कामों के बारे जानकारी नहीं है, वो अपनी जिम्मेवारी को लेकर नौसिखिया हैं, लेकिन वो जिस पद पर बैठे है उस पद की अपनी गरिमा है. कोर्ट ने कहा कि उस पद की गरिमा का
ख्याल डिप्टी सीएम को रखना चाहिए, उन्हें कानून की जानकारी होने के साथ-साथ कानून के तहत काम भी करना चाहिए.
हाई कोर्ट ने तेजस्वी को लगाई फटकार
दरअसल पटना हाइकोर्ट के जस्टिस अजय कुमार त्रिपाठी ने भवन निर्माण विभाग के एक सहायक अभियंता द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए डिप्टी सीएम को ये फटकार लगाई. याचिका पर सुनवाई करते हुए
कोर्ट ने कहा कि किसी भी सरकारी कर्मी का तबादला किसी विधायक के कहने पर नहीं किया जा सकता. खासकर वैसे विधायक के कहने पर, जो उसके क्षेत्र से भी नहीं आता हो.
विधायक के कहने पर हुआ ट्रांसफर
बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव से हाईकोर्ट इस बात से नाराज था कि उन्होंने भवन निर्माण विभाग के एक सहायक अभियंता अरविंद कुमार सिंह का तबादला पीएमसीएच के भवन निर्माण विभाग से पटना में किसी
दूसरे स्थान पर कर दिया था. सहायक अभियंता अरविंद कुमार सिंह का पीएमसीएच के भवन निर्माण विभाग में अपना योगदान दिए हुए अभी सालभर भी नहीं हुआ था कि रीगा के विधायक के कहने पर इनका ट्रांसफर
कर दिया गया. इस सहायक अभियंता के तबादले के लिए रीगा के विधायक अमित कुमार टुन्ना ने डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को पत्र लिखा था. विधायक टुन्ना ने 15 जून को डिप्टी सीएम को पत्र लिखा और 30 जून
को उनका ट्रांसफर कर दिया गया. इसी तबादले को लेकर सहायक अभियंता ने पटना हाइकोर्ट में याचिका दाखिल की थी.
HC ने पलटा डिप्टी सीएम का फैसला
हाइकोर्ट ने डिप्टी सीएम द्वारा किए गए तबादले को रद्द करते हुए सहायक अभियंता को अपने पुरानी जगह पर योगदान देने का आदेश दिया. साथ ही डिप्टी सीएम को यह निर्देश दिया कि वे किसी विधायक के
सिफारिश वाले पत्र पर किसी सरकारी कर्मी का तबादला करने का आदेश देने से बचें.