
बिहार के मुख्यमंत्री और जेडीयू नेता नीतीश कुमार के आरजेडी-कांग्रेस से अलग होने के बाद राज्य में भ्रष्टाचार में कमी आई है. इंडिया टुडे-एक्सिस माई इंडिया सर्वे के पॉलिटिकल स्टॉक एक्सचेंज (PSE) में इसका खुलासा हुआ है. साथ ही नीतीश कुमार आज भी मुख्यमंत्री पद के लिए बिहार के लोगों की पहली पसंद बने हुए हैं.
इस सर्वे में जब प्रतिभागियों से सवाल पूछा गया कि क्या नीतीश कुमार के आरजेडी-कांग्रेस से अलग होने के बाद राज्य में भ्रष्टाचार की स्थिति पर फर्क पड़ा, तो सर्वे के 49 फीसदी प्रतिभागियों ने कहा कि बिहार में भ्रष्टाचार में कमी आई है. हालांकि 40 फीसदी वोटर मानते हैं कि भ्रष्टाचार में कोई कमी नहीं आई है, जबकि 11 फीसदी प्रतिभागी इस सवाल पर कोई स्पष्ट राय नहीं जता सके.
दिलचस्प ये है कि नीतीश कुमार ने बीजेपी के साथ नाता तोड़कर साल 2015 में लालू प्रसाद यादव के राष्ट्रीय जनता दल (RJD) और कांग्रेस के साथ महागठबंधन बनाकर विधानसभा चुनाव लड़ा था. इस चुनाव में महागठबंधन ने बीजेपी को करारी शिकस्त दी थी, लेकिन नीतीश कुमार अधिक दिन तक महागठबंधन में नहीं टिक सके. आरजेडी के साथ मतभेदों के चलते उन्होंने कार्यकाल के बीच में ही इस्तीफा दे दिया और फिर बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बना ली.
PSE के निष्कर्षों के मुताबिक सर्वेक्षण में हिस्सा लेने वाले 38 फीसदी प्रतिभागी नीतीश सरकार के कामकाज से संतुष्ट दिखे. वहीं, 34 प्रतिशत ने सरकार के कामकाज पर नाखुशी जताई और 24 फीसदी प्रतिभागियों ने इसे औसत बताया. इंडिया टुडे-एक्सिस माई इंडिया का यह सर्वे राज्य के 40 संसदीय क्षेत्र में लिए गए साक्षात्कारों पर आधारित है. इस सर्वे में कुल 15,375 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया. ये सर्वे 22 से 26 सितंबर के बीच हुआ.
PSE के मुताबिक जब बिहार के अहम मुद्दों के बारे में प्रतिभागियों से पूछा गया तो उन्होंने सबसे बड़े मुद्दे के तौर पर ‘नाली-नाले और साफ-सफाई’ का नाम लिया. इसके बाद बेरोजगारी, पीने का पानी, किसानों की समस्याएं और महंगाई को अन्य अहम मुद्दों के तौर पर प्रतिभागियों ने गिनाया. मालूम हो कि 243 सदस्यीय बिहार विधानसभा के लिए 2015 में हुए चुनाव में JDU को 71 सीटों पर कामयाबी मिली थी. इस चुनाव में RJD को 80, BJP को 53 और कांग्रेस को 27 सीट हासिल हुई थीं.
CM पद के लिए लोगों की पहली पसंद नीतीश
राजनीतिक नब्ज़ पर नज़र रखने वाले देश के पहले साप्ताहिक कार्यक्रम PSE के मुताबिक नीतीश कुमार बिहार में मुख्यमंत्री के लिए लोगों की पहली पसंद बने हुए हैं. चुनावी सर्वेक्षण में हिस्सा लेने वाले 46% फीसदी प्रतिभागियों ने नीतीश कुमार को वोट दिया. राष्ट्रीय जनता दल के युवा नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को 28 फीसदी वोटरों ने मुख्यमंत्री के तौर पर पहली पसंद बताया. बीजेपी नेता और बिहार के मौजूदा उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी को 9% वोटर राज्य के अगले मुख्यमंत्री के तौर पर देखना चाहते हैं.