
आरजेडी ने सरकार की नई खनन नीति के खिलाफ गुरुवार को बिहार बंद का ऐलान किया था. बंद से ठीक एक दिन पहले राज्य सरकार ने नई खनन नीति पर यू टर्न लेते हुए उसे वापस ले लिया, लेकिन इसके बावजूद आरजेडी ने बंद को जारी रखा. हद तो यह हो गई कि बंद के दौरान एक जगह सड़क पर लौंडा नाच भी किया गया.
खुद प्रतिपक्ष और आरजेडी के युवा नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि सरकार ने षडयंत्र के तहत उनके बंद को डाईवर्ट करने के लिए नीति वापस लेने का नाटक किया है, हम इसको नही मानते हैं.
उन्होंने कहा कि नीति वापस लेने के मामले को लेकर नीतीश कुमार और सुशील कुमार सामने क्यों नही आए और उन्होंने प्रेस कन्फ्रेंस क्यों नही किया.
पर सवाल यह है कि जब राज्य का मुख्य सचिव, एक जिम्मेदार व्यक्ति, नई खनन नीति को वापस लेने की बात करता है, तो तेजस्वी यादव को विश्वास क्यों नही होता है. नई खनन नीति को लेकर बिहार में मजदूरों और ट्रांसपोर्टर्स का पहले से आंदोलन चल रहा था. आरजेडी को इस पर राजनीतिक रोटी सेकने का मौका भी मिल गया. ये भी कहा गया था कि सरकार ने नई खनन नीति इसलिए बनाई, क्योंकि बालू के धंधे में आरजेडी समर्थक ज्यादा जुड़े हुए हैं और जो अवैध खनन करते हैं.
आरजेडी के बंद से तमाम लोगों को परेशानी हुई, जो ट्रेन में सफर कर रहे थे या फिर सड़क मार्ग से कहीं जा रहे थे. जगह-जगह पर रोड जाम किया गया, जिससे काफी परेशानी हुई. मनेर में तो अलग ही नजारा देखने को मिला. आरजेडी समर्थकों ने सुबह टायर जलाकर एनएच 30 को जाम कर दिया और उसके बाद हद ये हो गई कि उस सड़क पर लौंडा नाच भी हुआ. आरजेडी के कार्यकर्ता मजे लेकर उसे देखने में लगे थे. सड़क भी जाम था और बंद के असर के साथ-साथ नाच का सुरूर भी.
पटना में तेजस्वी यादव कहते है कि वो गरीबों की लड़ाई लड़ रहे हैं, उन गरीबों की लड़ाई जिनके घरों में चूल्हा नही जला, किसी ने जाकर उनकी हालत नही देखी, लेकिन मनेर जहां बालू को लेकर सबसे ज्यादा हंगामा होता रहा है वहां लोग नाच देख रहें हैं. इस बंद से उन आम लोगों को परेशानी हुई, जो ट्रेनों में, बसों में सफर कर रहें हैं. आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने कहा था कि बंद से एम्बुलेंस, स्कूल बसों और पटना में हो रहे प्रकाश पर्व के श्रद्धालुओं को परेशान नही किया जाएगा. लेकिन जो श्रद्धालु ट्रेन या बस में सफर कर रहें हैं, क्या वो परेशान नही हुए, क्या दर्जनों एम्बुलेंस गांधी सेतु की जाम में नही फंसे और तो और एक महिला मरीज की मौत आरजेडी के कार्यकर्ताओं की संवेदनहीनता को दर्शाता है.
तेजस्वी यादव ने कहा है कि जब तक पिछले 6 महीने में मजदूरों के हुए नुकसान की भरपाई सरकार नही करती, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा.